Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शोएब के भविष्य का फैसला अभी नहीं

हमें फॉलो करें शोएब के भविष्य का फैसला अभी नहीं
लाहौर (वार्ता) , सोमवार, 10 सितम्बर 2007 (18:43 IST)
विवादों के पर्याय बन चुके तूफानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के भविष्य के बारे में फैसला दक्षिण अफ्रीका में मंगलवार से शुरू हो रहे
ट्‍वेंटी-20 विश्व कप के बाद ही हो पाएगा।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष डॉ. नसीम अशरफ ने बताया कि मोहम्मद आसिफ के साथ मारपीट करने के मामले की जाँच कर रही अनुशासन समिति दक्षिण अफ्रीका से समूची टीम के लौट आने के बाद ही इस काम को अंजाम देगी।

डॉ. अशरफ ने कहा कि अनुशासन समिति इस दुर्भाग्यपूर्ण मामले के हरेक पहलू की जाँच करेगी, लेकिन सभी संबंधित खिलाड़ियों की मौजूदगी के बगैर यह नहीं हो पाएगा इसलिए पाकिस्तानी टीम के दक्षिण अफ्रीका से लौट आने के बाद ही शोएब मामले पर कोई निर्णय दे सकेगा।

शोएब ने दक्षिण अफ्रीका के सेंचुरियन पार्क मैदान में आयोजित अभ्यास सत्र के दौरान किसी बात पर कहा-सुनी होने के बाद गुस्से में आकर साथी खिलाड़ी आसिफ को बल्ले से पीट दिया था। इस पर पीसीबी ने तुरंत कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें शुक्रवार को स्वदेश बुला लिया और फिर उन पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया।

डॉ. अशरफ ने कहा कि शोएब पर जो अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया गया है, उसमें कोई बदलाव नहीं होगा और न ही इस पर बहस की कोई गुंजाइश है। शोएब के लिए कोई और सजा हो ही नहीं सकती।

यह पूछे जाने पर कि इस पूरे विवाद में शाहिद अफरीदी का भी नाम सामने आने के बावजूद आखिर शोएब के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई है? तो उन्होंने कहा कि टीम मैनेजर ने घटना के तुंरत बाद इसकी जाँच करके पीसीबी को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके आधार पर ही यह कदम उठाया गया है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान लौटने के बाद शोएब ने कहा था कि अफरीदी के उकसावे पर वे आपा खो बैठे थे। हालाँकि बाद में उन्होंने आसिफ से माफी माँग ली थी।

डॉ. अशरफ ने बताया कि इस अनुशासन समिति में बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शफकत नगमी, नवीद अकरम और जाकिर खान को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि वह स्वयं इस पूरे मामले पर निगरानी रखेंगे, ताकि जाँच में किसी तरह का पक्षपात न हो सके।

उन्होंने कहा कि जाँच के दौरान शोएब को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें फिलहाल अपनी जुबान बंद रखनी चाहिए। अनुशासन समिति के फैसले के खिलाफ वह पीसीबी के अपीलीय ट्रिब्यूनल की भी शरण ले सकते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi