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सचिन के साथ कौन करेगा ओपनिंग?

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नई दिल्ली , गुरुवार, 25 अगस्त 2011 (00:22 IST)
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विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग के कंधे की चोट के कारण वनडे सिरीज से बाहर हो जाने और दूसरे ओपनर गौतम गंभीर के सिर की चोट को देखते हुए टीम इंडिया के सामने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सिरीज में सचिन तेंडुलकर के ओपनिंग जोड़ीदार को लेकर यक्ष प्रश्न उठ खड़ा हुआ है।

भारत के इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्टों की सिरीज में 0-4 की पराजय में ओपनिंग जोड़ी की विफलता की अहम भूमिका रही थी। विश्व चैंपियन भारत को तीन सितंबर से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच वनडे मैचों की सिरीज के लिए जल्द ही यह तय कर लेना होगा कि सचिन का जोडीदार कौन रहेगा।

सहवाग कंधे की चोट से उबरकर आखिरी दो टेस्टों में खेले थे लेकिन अंतिम मैच में वह फिर इसी चोट के कारण परेशानी में दिखे और वनडे सिरीज से बाहर हो गए। गंभीर को चौथे टेस्ट में क्षेत्ररक्षण करते समय सिर में चोट लगी थी जिसका एमआरआई स्कैन कराया गया है। गंभीर टेस्ट सिरीज में बिल्कुल भी फॉर्म में नहीं थे और यदि वह पूरी तरह फिट नहीं होते हैं तो टीम प्रबंधन को उन्हें खेलाने का खतरा नहीं उठाना चाहिए।

इस सूरत में भारत के पास सचिन के जोड़ीदार के रूप में दो ही विकल्प रह जाते हैं पार्थिव पटेल और अजिंक्या रहाणे। पार्थिव कई मैचों में ओपनर की भूमिका निभा चुके हैं जबकि सहवाग की जगह टीम में शामिल किए गए रहाणे भी टॉप आर्डर के बल्लेबाज हैं और उन्हें भी ओपनिंग में उतारा जा सकता है।

सचिन की पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के साथ सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी रही थी। सचिन ने गांगुली के साथ 6443 रन जोड़े थे। गांगुली के बाद सचिन की सहवाग के साथ जोड़ी बनी थी और उन्होंने दिल्ली के इस बल्लेबाज के साथ 3714 रन जोड़े थे।

सहवाग की अनुपस्थिति में गंभीर ने भी सचिन के साथ ओपनर की भूमिका निभाई है। हालांकि सहवाग के रहते गंभीर आमतौर पर तीसरे नंबर पर खेलने उतरते हैं। सचिन ने गंभीर के साथ 1316 रन जोडे हैं। अपने वनडे करियर में 453 मैचों में विश्व रिकॉर्ड 18111 रन बना चुके सचिन की वनडे सिरीज में खासी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

हालांकि टीम में युवाओं को प्रेरित करने के लिए टेस्ट सिरीज में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले राहुल द्रविड भी मौजूद रहेंगेलेकिन टीम को एक अच्छी शुरुआत मिलना बहुत जरूरी है।

चार टेस्टों की सिरीज में भारत अच्छी शुरुआत के लिए लगातार तरसता रहा था। लॉर्ड्स में पहले टेस्ट में भारत को 63 और 19 रन, ट्रेंट ब्रिज में दूसरे टेस्ट में शून्य और छह रन, एजबस्टन में तीसरे टेस्ट में आठ और तीन रन तथा ओवल में चौथे और आखिरी टेस्ट में आठ और 49 रन की ओपनिंग साझेदारी मिली थी।

यही कारण था कि भारत चारों टेस्टों में इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ लगातार संघर्ष करता नजर आया और आठ पारियों में सिर्फ एक बार 300 का स्कोर छू पाया। भारत को वनडे में यदि इंग्लैंड के खिलाफ चुनौती पेश करनी है तो उसे मजबूत ओपनिंग की जरूरत रहेगी।

टीम प्रबंधन को यह तय कर लेना होगा कि उन्हें किस बल्लेबाज को सचिन के साथ ओपनिंग में उतारना है। यदि फिर सहवाग की तरह किसी अनफिट खिलाड़ी को ओपनिंग में उतार दिया तो उसका नुकसान विश्व चैंपियन टीम को उठाना पड़ सकता है। (वार्ता)

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