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44 साल बाद भारत का 'व्हाइटवॉश'

भारत ने पारी की शर्मनाक हार झेली

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लंदन , सोमवार, 22 अगस्त 2011 (23:43 IST)
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर (91) शतकों का महाशतक पूरा करने से नौ रन से चूक गए और उनके आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढह गए।

भारत को चौथे और आखिरी टेस्ट में अंतिम दिन एक पारी और आठ रन से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही भारत का सिरीज में 4-0 से सफाया हो गया और वह टेस्ट रैंकिंग में तीसरे स्थान पर गिर गया।

भारत को इंग्लैंड से पहली पारी में 291 रनों से पिछड़ने के बाद फॉलोऑन करना पड़ा था। भारत ने कल तीन विकेट पर 129 रन बनाए थे। सचिन और नाइट वाचमैन अमित मिश्रा (84) लंच तक भारत के स्कोर को 216 रन तक ले गए थे।

तब ऐसा लग रहा था कि भारत मैच भी बचा सकता है लेकिन लंच के बाद यह साझेदारी टूटते ही जैसे विकटों की पतझड़ लग गया और भारत ने सिर्फ 21 रनों के अंतराल में आखिरी सात विकेट गंवा दिए। मिश्रा (84), सचिन (91), सुरेश रैना (0), कप्तान महेंद्रसिंह धोनी (3), आरपी सिंह (0) और गौतम गंभीर (3) पर आउट हो गए।

भारतीय पारी 283 रन पर सिमट गए और उसे लगातार दूसरे टेस्ट में पारी से हार का सामना करना पड़ा। ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हुए 38 ओवर में 106.रन पर छह विकेट झटके।

भारत ने इस सफाये के साथ एक सिरीज में अपने इतिहास में छठी बार चार से ज्यादा मैच गंवा दिए। वर्ष 1947-48 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को पांच मैचों की सिरीज में 4-0 से, 1969 में इंग्लैंड ने पांच मैचों की सिरीज में 5-0 से, 1961-62 में वेस्टइंडीज ने पांच मैचों की सिरीज में 5-0 से, 1967-68 में आस्ट्रेलिया ने चार मैचों की सिरीज में 4-0 से और 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सिरीज में 4-0 से हराया था।

भारत की मैच बचाने की सारी उम्मीदें सचिन पर टिकी हुई थीं और उन्होंने मिश्रा के साथ सुबह के सत्र में इंग्लैंड के गेंदबाजों को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया। सचिन कल 35 और मिश्रा आठ रन पर नाबाद थे। सचिन ने अपना अर्द्धशतक 74 गेंदों में सात चौकों की मदद से पूरा कर लिया।

मिश्रा ने कुछ बेहतरीन शॉट लगाते हुए अपने करियर का दूसरा अर्द्धशतक 103 गेंदों में छह चौकों की मदद से पूरा किया। लंच के समय सचिन 72 और मिश्रा 57 रन पर नाबाद थे। दोनों बल्लेबाजों के बीच 100 रन की साझेदारी 220 गेंदों में पूरी हुई।

लंच के बाद भी दोनों बल्लेबाजों ने रन बनाने का सिलसिला जारी रखा। भारत का स्कोर 262 पहुंच चुका था लेकिन तभी ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने मिश्रा को बोल्ड कर उनकी करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी का अंत कर दिया। मिश्रा ने 142 गेंदों में दस चौकों की मदद से 84 रन बनाए। मिश्रा ने पहली पारी में भी 43 रन बनाए थे।

अगले ही ओवर में सचिन टिम ब्रेसनन की गेंद को खेलने से चूके और अंपायर ने इंग्लिश खिलाड़ियों की जोरदार अपील पर तुरंत अपनी अंगुली उठा दी। सचिन नौ रन से अपने महाशतक से दूर रह गए। उन्होंने 172 गेंदों पर 91 रन की अपनी बेशकीमतह पारी में 11 चौके लगाए।

सचिन का आउट होना था कि इंग्लैंड के खिलाडी खुशी से झूम उठे। उने रास्ते का सबसे बड़ा कांटा दूर हो गया। जीत अब उनसे चंद कदम दूर रह गए थी। स्वान ने रैना को मैच में दूसरी बार आउट किया। रैना अपना खाता खोले बिना पगबाधा हो गए।

कप्तान धोनी ने विकेट पर टिकने का कोई जज्बा नहीं दिखाया और स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद को मारने की कोशिश में स्वान को स्लिप में कैच थमा बैठे। ब्रॉड ने आरपी सिंह को विकेटकीपर मैट प्रायर के हाथों कैच कराया जबकि स्वान ने गौतम गंभीर (3) को इयान मॉर्गन के हाथों लपकवा दिया।

भारत का नौवां विकेट 275 के स्कोर पर गिरा1 शांतकुमारन श्रीसंत ने भारत को पारी की हार से बचाने की कोशिश में बडे शॉट लगाने चाहे लेकिन इसी प्रयास में स्वान की गेंद पर बोल्ड हो गए। भारत की पारी 283 पर समाप्त हुई। ईशांत शर्मा सात रन बनाकर नाबाद रहे।

स्वान ने दूसरी पारी में 106 रन देकर छह विकेट हासिल किए और मैच में कुल 208 रन देकर नौ विकेट झटके। ब्रॉड ने 44 रन पर दो विकेट, जेम्स एंडरसन ने 54 रन पर एक विकेट और ब्रेसनन ने 30 रन पर एक विकेट लिया। (वार्ता)

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