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क्या धोनी-कोहली विवाद का हल हैं रहाणे?

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सुधीर शर्मा

बीसीसीआई ने जिम्बाब्वे दौरे के लिए ‍टीम इंडिया का ऐलान कर दिया। क्रिकेटप्रेमी उम्मीद कर रहे थे कि इस दौरे के लिए विराट कोहली को कप्तान बनाया जा सकता है, लेकिन चयन समिति ने सबको चौंकाते हुए अजिंक्य रहाणे को कप्तान बना दिया। बांग्लादेश दौरे पर हार के बाद कोहली-धोनी के विवाद की खबरें भी आ रही थीं। बीसीसीआई शायद धोनी-कोहली विवाद को भारत में ही सुलझाना चाहती है। 
बांग्लादेश दौरे पर अंतरिम कोच बनकर गए रवि शास्त्री भी इस दौरे में टीम इंडिया के साथ नहीं रहेंगे। बताया जा रहा है कि उनका स्काय स्पोर्ट्‍स के साथ अनुबंध है, इस कारण वे टीम के साथ नहीं रहेंगे। ‍रविन्द्र जडेजा, रोहित शर्मा को भी टीम में नहीं रखा गया है। 
 
धोनी और कोहली के बाद रोहित शर्मा को ही टीम इंडिया के कप्तान के अगले विकल्प के रूप में देखा जा रहा था। धोनी के पसंदीदा रविन्द्र जडेजा को भी टीम में स्थान नहीं मिला है। बांग्लादेश दौरे पर जडेजा का प्रदर्शन खास नहीं रहा था। न उनका बल्ला चल रहा था और न ही वे गेंद से विकेट ले पा रहे थे। जब पत्रकारों ने मुख्य चयनकर्ता से यह पूछा कि इस दौरे के लिए जडेजा को ड्राप किया गया तो उनका टका सा जवाब था कि टीम में नहीं मतलब बाहर। धोनी अजिंक्य रहाणे को वन-डे टीम का खिलाड़ी मानते ही नहीं है और बांग्लादेश के खिलाफ दो वन-डे में धोनी ने रहाणे को बैंच पर बिठाया था। 
 
इसका मतलब यह हुआ कि बीसीसीआई इस टीम चयन से धोनी को भी कुछ संदेश देना चाहती थी। हरभजन को टीम में जगह मिली है, जो धोनी की पसंद नहीं रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि बांग्लादेश में मुंह की खा चुकी टीम इंडिया क्या इन नए युवाओं के भरोसे जीत सकेगी। और बांग्लादेश दौरे के बाद महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी पर भी अब खतरा मंडराने लगा है?

श्रीनिवासन के बीसीसीआई से जाने के बाद क्या धोनी की धाक बीसीसीआई में कम हो गई है। खैर, ये सवाल अपनी जगह हैं, लेकिन टीम चयन से इतना तो साफ हो गया है कि बीसीसीआई ने इस टीम चयन से विराट कोहली और महेन्द्र सिंह धोनी को एक कड़ा संदेश दिया है। 

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