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फटकार की तलवार तले विकल्प तलाशेगा बीसीसीआई

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, गुरुवार, 29 सितम्बर 2016 (20:12 IST)
मुंबई। उच्चतम न्यायालय की सुधर जाने की कड़ी फटकार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड शुक्रवार को आयोजित होने वाली अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) में लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने और अपने शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ किसी कार्रवाई से बचने के लिए विकल्प तलाश सकता है।
          
बीसीसीआई लोढा समिति की अनुशंसाओं को लागू करने के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर चर्चा के लिए विशेष आम बैठक (एसजीएम) कर रहा है। बीसीसीआई ने लोढा समिति द्वारा दिए गए सुझावों को पूरी तरह से लागू करने में असमर्थता जताई थी तथा इन सुझावों के संबंध में 30 सितंबर को एसएजीएम बुलाई है, जिसमें सुझावों को अपनाने संबंधी निर्णय पर विचार किया जाएगा।
          
जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली समिति ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष अपनी स्थिति रिपोर्ट पेश की थी और समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज करने पर बीसीसीआई की शिकायत की थी। इसके बाद न्यायमूर्ति ठाकुर ने प्रस्तुतियों का संज्ञान लेते हुए कहा था कि ये गंभीर आरोप हैं और बोर्ड को अदालत के निर्देशों का पालन करना होगा।
          
एसजीएम को लोढा समिति की सिफारिशों के अनुसार, बोर्ड के नियमों में सुधार करने पर विचार के लिए बुलाया गया है, लेकिन अदालत की कड़ी फटकार के बाद बोर्ड के लिए अपने शीर्ष अधिकारियों अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को जबरन पद से हटाए जाने से बचाने के लिए भी विकल्प तलाशना जरूरी हो गया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि वह इस मामले पर अगली सुनवाई छह अक्टूबर को करेंगे। 
 
बोर्ड ने हाल में हुई अपनी वार्षिक आम बैठक में कार्यकारी समिति, स्थाई समिति और चयन समिति का गठन किया था और शिर्के को सर्वसम्मति से अपना सचिव चुना था। हालांकि इससे छह दिन पहले ही जारी पहली रिपोर्ट में कहा था कि बोर्ड अपनी एजीएम में केवल सामान्य कार्यों को ही कर सकता है। वहीं बोर्ड ने लोढा समिति की सिफारिशों से इतर तीन के बजाय राष्ट्रीय टीम के लिए पांच सदस्यीय चयन समिति नियुक्त की थी।
                
लोढा समिति ने अपनी दायर स्थिति रिपोर्ट में उच्चतम न्यायालय को बोर्ड की हुई इस एजीएम का जिक्र करते हुए यह भी बताया था कि समिति ने जो निर्देश दिए थे बोर्ड ने उसका पालन नहीं किया जो उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का भी उल्लंघन है।
                 
समिति ने साथ ही सर्वोच्च अदालत से कहा कि बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों ने जिस तरह से निर्देशों का उल्लंघन किया है उसके बाद समिति को इन मौजूदा बोर्ड अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से हटाने की अनुमति दी जाए और उनके स्थान पर प्रशासकों के एक दल को नियुक्त किया जाए ताकि बोर्ड समिति द्वारा दी गई सिफारिशों के तहत काम कर सके।
 
समिति ने बोर्ड के 18 जुलाई के बाद लिए गए फैसलों को भी रद्द करने की मांग की है। इस स्थिति में अब दुनिया के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड के पास फिलहाल इन सिफारिशों को लागू करने के अलावा अधिक विकल्प नहीं बचा है। (वार्ता)

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