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सीनियर टीम में जल्द जगह बनाएंगे पुजारा

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नई दिल्ली , बुधवार, 1 जुलाई 2015 (18:51 IST)
नई दिल्ली। पिछले कुछ मैचों में लचर प्रदर्शन के बाद बाहर हुए शीर्ष क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने को बेताब हैं और उन्होंने कहा कि कुछ ही समय में वह अंतिम एकादश में एक बार फिर जगह पक्की कर लेंगे।
पुजारा ना सिर्फ भारत ए क्रिकेट टीम की कप्तानी मिलने से खुश हैं बल्कि वह राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में काम करने को लेकर भी उत्सुक हैं।
 
भारतीय चयनकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ 22 जुलाई से दो चार दिवसीय मैचों के लिए 15 सदस्यीय भारत ए टीम की कमान पुजारा को सौंपी है। अब तक 27 टेस्ट खेलने वाले सौराष्ट्र के बल्लेबाज पुजारा ने भारत की ओर से पिछला टेस्ट दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।
 
पुजारा ने कहा, 'मैं नियमित तौर पर टीम का हिस्सा रहा हूं लेकिन कुछ मैच नहीं खेल पाया। कुछ समय में मुझे अंतिम एकादश में दोबारा जगह मिल जाएगी।'
 
उन्होंने कहा, 'मैं अपने खेल पर कड़ी मेहनत कर रहा हूं और मुझे नहीं लगता कि इसे लेकर कोई मुद्दा है। मैं सिर्फ अपने खेल में सुधार कर सकता हूं, भले ही फिर मैं टीम का हिस्सा हूं या नहीं। सभी पूर्व महान खिलाड़ी मुझे यही सलाह दे रहे हैं और मैं यही करना जारी रखूंगा।' 
 
भारत ए के कोच के रूप में यह द्रविड़ की पहली सीरीज होगी और पुजारा इस दिग्गज बल्लेबाज के साथ काम करने की संभावना को लेकर रोमांचित हैं। पुजारा ने कहा,'यह काफी महत्वपूर्ण होगा। वह (द्रविड़) शानदार मेंटर है।
 
मैं उनके संपर्क में हूं और उनसे कई बार बात की है। वह पिछले साल हमारे इंग्लैंड के दौर पर दो हफ्ते भारतीय टीम के साथ रहे थे। जब वह खेलते थे तो मैंने उन्हें ट्रेनिंग करते हुए देखा है और एनसीए में उनसे बात भी की है।'
 
उन्होंने कहा, 'बेशक खेल के बारे में उनका ज्ञान शानदार है और वह जिस तरह से समझाते हैं उससे सभी काफी सहज हो जाते हैं।' इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरों के बारे में पुजारा ने कहा कि इन दो देशों में खेलने से उन्होंने विफलता को स्वीकार करना सीखा।
 
उन्होंने कहा, 'आपको अपनी विफलता को स्वीकार करने की जरूरत है। इंग्लैंड दौरे से पहले मैं जितने रन बना रहा था उसके कारण मैंने हमेशा सोचा कि मैं किसी भी मैच में शतक बना सकता हूं। इसलिए रन नहीं बना पाना मेरे लिए हताशा भरा अनुभव रहा। समय के साथ मैंने इसे स्वीकार करना सीखा।'
 
यॉर्कशर के साथ काउंटी में खेलने के संदर्भ में पुजारा ने अपने खेल में नया आयाम लाने का श्रेय इंग्लैंड में खेलने के अनुभव को दिया।
 
उन्होंने कहा, 'मैंने इंग्लैंड में खेलने का काफी लुत्फ उठाया। जब आप इंग्लैंड में खेलते हो तो चीजें मुश्किल होती हैं, विशेषकर सत्र की शुरूआत में, अप्रैल और मई के महीने में। मौसम ठंडा होता है और ताजा विकेट पर गेंद काफी मूव करती है। एक बल्लेबाज के रूप में यह चुनौती होती है और दबाव दोगुना होता है क्योंकि एक छोटी गलती पर आप विकेट गंवा देते हो।'(भाषा)

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