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धोनी, विराट की तुलना मनोरंजन के लिए करते हैं लोग : सुशांत

हमें फॉलो करें धोनी, विराट की तुलना मनोरंजन के लिए  करते हैं लोग : सुशांत
नई दिल्ली , मंगलवार, 27 सितम्बर 2016 (18:57 IST)
नई दिल्ली। 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' फिल्म में विश्वकप विजेता कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का किरदार निभा रहे सुशांत सिंह राजपूत का कहना है कि धोनी और मौजूदा टेस्ट कप्तान विराट कोहली की कप्तानी की तुलना लोग मनोरंजन के लिए  करते हैं।
           
      
सुशांत ने एक विशेष बातचीत में कहा कि धोनी और विराट अलग तरह के खिलाड़ी और कप्तान हैं। उन दोनों की कप्तानी की तुलना वही लोग करते हैं जिनके पास जरूरत से ज्यादा खाली समय है। उन्होंने कहा 'लोगों के पास बहुत समय है, वे बोर हो रहे हैं, उन्हें मनोरंजन चाहिए  और वे विवादों के जरिए  मनोरंजन करना चाहते हैं, इसीलिए  कोई धोनी और कोई विराट की तरफदारी करने लगता है।'
 
धोनी के जीवन पर बनीं फिल्म इस समय काफी चर्चा में है और लोगों को इसका बेसब्री से इंतजार है। फिल्म इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है। गौरतलब है कि विराट की कप्तानी में टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का हाल के समय में काफी शानदार प्रदर्शन रहा है, जिससे पूर्व क्रिकेटर और प्रशंसक उन्हें सीमित ओवरों की कप्तानी देने की बात करने लगे हैं।
                 
सुशांत ने कहा कि भारतीय टेस्ट टीम में उन्हें धोनी की कमी खलती है। सुशांत ने कहा कि जब मैं मैदान में भारतीय टीम को धोनी की गैरमौजूदगी में खेलते हुए  देखता हूं तो उनकी कमी खलती है और मुझे थोड़ी निराशा भी होती है। मैं सचिन और सहवाग को भी मैदान में 'मिस' करता हूं। 
 
सुशांत ने साथ ही कहा कि सचिन, सहवाग, धोनी और विराट उनके पसंदीदा क्रिकेटर हैं।धोनी की तारीफ करते हुए  इस अभिनेता ने कहा कि इस फिल्म से युवाओं को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। बात चाहे कड़ी मेहनत करने की हो या फिर सफलता पाने की। सफलता मिलने के बाद उसे बरकरार रखना और जमीन से जुड़े रहने की कला लोग इस फिल्म से सीख सकेंगे।
                 
सुशांत ने कहा कि पहली बार मैंने धोनी को 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में देखा था। वह लंबे बाल रखते थे और करियर के शुरुआती दौर में ही वह आत्मविश्वास से भरे हुए थे, इस मैच में उन्होंने 148 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। इस मैच के बाद से ही मैं धोनी को एक प्रशंसक के तौर पर फॉलो करता हूं और मुझे पहली बार धोनी से मिलने का मौका 2006-07 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान ही मोहाली में मिला था। तब मैंने उनके साथ एक सेल्फी फोटो भी लिया था।
 
उन्होंने कहा कि फिल्म में धोनी के जन्म से लेकर वनडे में क्रिकेट विश्वकप जीतने तक की कहानी है। धोनी में नेतृत्व क्षमता भरी हुई है। वह ऐसे 'लीडर' हैं जो कम बोलना पसंद करते है और आलोचकों को अपने प्रदर्शन से जवाब देते हैं। टीम के जीतने पर वह सबसे पीछे खड़े रहते है और हारने पर सबसे आगे। एक खिलाड़ी के तौर पर धोनी अपने खेल का मजा लेते है और पिछले समय या भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोचते हैं।
                    
सुशांत ने कहा कि इस किरदार को निभाने के लिए उन्होंने ग्यारह महीने तक कड़ी मेहनत की ताकि उनकी खेल शैली को अपना सके, इसके लिए  उन्होंने पूर्व भारतीय विकेटकीपर किरण मोरे की देखरेख में तैयारी की। (वार्ता)

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