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आईसीसी सीईओ ने टी20 लीग पर उठाए सवाल

हमें फॉलो करें आईसीसी सीईओ ने टी20 लीग पर उठाए सवाल
, गुरुवार, 30 जुलाई 2015 (17:23 IST)
लंदन। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने गुरुवार को चेताया कि आईपीएल, बिग बैश और सीपीएल जैसी घरेलू टी20 लीगों की बढ़ती लोकप्रियता द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के अस्तित्व के लिए खतरा है जिसमें एशेज और भारत की बड़ी श्रृंखलाएं अपवाद हैं।
रिचर्डसन ने कहा कि द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को बचाने के लिए जून में ब्रिसबेन में आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस में कई संभावनाओं पर चर्चा की गई। इसके अलावा अक्तूबर में बोर्ड की अगली बैठक में भी इस पर बात की जाएगी।
 
उन्होंने कहा,'एशेज जैसी पारंपरिक श्रृंखला और भारत की भागीदारी वाली बड़ी श्रृंखलाओं को छोड़कर अधिकांश द्विपक्षीय श्रृंखलाओं का औचित्य नहीं रह गया है। अधिकांश श्रृंखलाओं खासकर टेस्ट क्रिकेट में दर्शकों की संख्या घटती जा रही है और इनसे राजस्व बढ़ नहीं रहे हैं।'
 
उन्होंने कहा,'पिछले कुछ साल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का परिदृश्य बदल गया है। आईपीएल, बिग बैश और कैरेबियाई प्रीमियर लीग जैसी टी20 लीगों से काफी बदलाव आया है।
 
दर्शकों, प्रायोजकों,प्रसारकों की रूचि इनमें बढ़ी है।' रिचर्डसन ने कहा, 'इसी तरह पिछले आठ साल में विश्व कप, चैम्पियंस ट्राफी और टी20 विश्व कप में भी दर्शकों की रूचि बढ़ी है। आईसीसी टूर्नामेंटों और घरेलू टी20 लीगों की लोकप्रियता में बढ़ोतरी से द्विपक्षीय श्रृंखलाओं को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है।' 
 
द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में दर्शकों की रूचि बहाल करने के लिए रिचर्डसन ने बेहतर मार्केटिंग और शेड्यूल पर जोर दिया। उन्होंने कहा,'हम द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में रूचि कैसे बढ़ा सकते हैं जिससे दर्शक ज्यादा संख्या पर मैदान में आएं, टीवी पर देखें, फोन , टेबलेट या कम्प्यूटर पर फॉलो करें। इसके लिए मार्केटिंग बेहतर करनी होगी और शेड्यूल भी अधिक व्यवहारिक होना चाहिए।'
 
उन्होंने कहा,'मानसून सत्र में श्रृंखला कराने का क्या फायदा है। इसके अलावा ऐन मौके पर श्रृंखला के कार्यक्रम में बदलाव होने पर दर्शक कैसे उमड़ेंगे।' रिचर्डसन ने यह भी कहा कि प्रशासक टेस्ट और वनडे में क्वालीफाइंग लीग शुरू करने की भी सोच रहे हैं जिस पर आईसीसी बोर्ड के दमदार सदस्य भी राजी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लीग व्यवस्था आईसीसी रैंकिंग से बाहर रहेगी।
 
उन्होंने कहा,'अधिक त्रिकोणीय श्रृंखलाओं का आयोजन, एफटीपी और व्यक्तिगत श्रृंखलाओं की ब्रांड वैल्यू बनाना, वनडे क्रिकेट का नया ब्रांड बनाना और टेस्ट या वनडे विश्व कप क्वालीफाइंग लीग शुरू करना सुझावों में शामिल है।'(भाषा)
 

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