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धोनी की कप्तानी छोड़ने की पेशकश पर क्‍या बोले पूर्व खिलाड़ी...

हमें फॉलो करें धोनी की कप्तानी छोड़ने की पेशकश पर क्‍या बोले पूर्व खिलाड़ी...
मीरपुर/नई दिल्ली , सोमवार, 22 जून 2015 (20:21 IST)
मीरपुर/नई दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में मिली अप्रत्याशित हार के बाद आलोचना के केंद्र में आए महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा है लेकिन कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने इस तरह के किसी निर्णय का विरोध किया है।
बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला के दूसरे मैच में छह विकेट से मिली हार के बाद धोनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि भारतीय क्रिकेट की सफलता के लिए वे कप्तानी छोड़ने और एक खिलाड़ी के तौर पर योगदान करने के लिए तैयार हैं।
 
धोनी ने कहा, मैं अपनी क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं, लेकिन जब पहला सवाल पूछा गया तो मुझे पता था कि यह सवाल भी पूछा जाएगा। इस तरह के सवाल हमेशा सामने आते हैं। मीडिया को मुझसे प्यार है। अगर यह उचित है, अगर आप मुझे हटाते हो और भारतीय क्रिकेट अच्छा करने लगता है और अगर भारतीय क्रिकेट में जो भी बुरा हो रहा है उसके लिए मैं जिम्मेदार हूं तो निश्चित तौर पर मैं पद छोड़कर खिलाड़ी के रूप में खेलने को तैयार हूं। 
 
उन्होंने कहा, भारतीय क्रिकेट में जब भी कुछ बुरा होता है तो हमेशा उसके लिए मैं ही जिम्मेदार होता हूं। जो भी होता है मेरे कारण होता है। यहां तक कि बांग्लादेश का मीडिया भी हंस रहा है। कुछ भारतीय पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी का समर्थन करते हुए कहा है कि उनको कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए।
 
पूर्व भारतीय कप्तानों बिशन सिंह बेदी, दिलीप वेंगसरकर और अजित वाडेकर तथा क्रिकेटरों में चेतन चौहान, चंडू बोर्डे, सैयद किरमानी और किरन मोरे ने धोनी का जोरदार समर्थन किया है।
 
वेंगसरकर ने बताया, मुझे नहीं लगता कि कोई धोनी का स्थान ले सकता है। उन्होंने हाल ही में भारत को विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया और यह उसके बाद पहली श्रृंखला है। उन्हें कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए। 
भारतीय क्रिकेट पर अपनी स्पष्ट राय रखने वाले बेदी बांग्लादेश में टीम के लचर प्रदर्शन के लिए अकेले धोनी को ही दोषी नहीं मानते। उन्होंने कहा, मैं किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे रहा हूं। भारत को पूरी टीम के लचर प्रदर्शन के कारण श्रृंखला गंवानी पड़ी। धोनी की कप्तानी के मसले पर मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। यह भी देखो कि उन्होंने मीडिया से जो कुछ कहा वह केवल निराशा में कहा।
 
बेदी ने कहा, कप्तानी में ऐसा होता है। जब टीम जीत दर्ज करती है तो आपकी तारीफ होती है और हारने पर आलोचना। वे पहले ही टेस्ट कप्तानी छोड़ चुके हैं। वनडे के बारे में मैं नहीं जानता, लेकिन पहली बार मैंने उनकी झल्‍लाहट देखी और यह किसी भी तरह से अच्छा संकेत नहीं है। 
 
वाडेकर ने कहा कि धोनी अब भी वनडे और टी20 में भारत की अगुवाई करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वनडे और टी20 में कप्तानी के लिए वे अब भी सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। 
 
वाडेकर ने कहा, उन्हें कप्तान बनाए रखा जाना चाहिए। यह (हार) हतप्रभ करने वाली है। शायद उन्होंने बांग्लादेश को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें संभवत: वनडे श्रृंखला की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।
 
चंदू बोर्डे ने कहा, धोनी की कप्तानी बरकरार रखनी चाहिए क्योंकि मेरे अनुसार, यह केवल एक उलटफेर है लेकिन इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा। बांग्लादेश ने हमें हैरान किया। हमारे खिलाड़ियों ने जज्बा नहीं दिखाया जबकि बांग्लादेश के खिलाड़ियों के हावभाव लाजवाब थे। 
 
पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान ने कहा कि अभी कप्तानी में बदलाव की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, मैं किसी एक श्रृंखला के आधार पर जल्दबाजी में फैसला करने के पक्ष में नहीं हूं। मैं चाहता कि इस सत्र में विराट केवल टेस्ट मैचों में कप्तानी करें। मेरे हिसाब से धोनी को अगले साल भारत में होने वाली विश्व टी20 तक वनडे और टी20 का कप्तान बने रहना चाहिए। 
 
पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज किरण मोरे ने कहा कि कप्तानी में बदलाव की बात बेतुकी है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि धोनी अब भी सर्वश्रेष्ठ हैं और वे अब भी भारत को काफी कुछ दे सकते हैं। कोई भी इस तरह की हार से गुजर सकता है। पूरी टीम ही थकी हुई लग रही है। उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि खिलाड़ियों के लिए सर्वश्रेष्ठ क्या है।
 
एक अन्य पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज विजय दहिया ने कहा, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस समय वनडे कप्तानी में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। धोनी जानते हैं कि परिस्थितियों के अनुसार कैसा खेलना है। मैं चाहता हूं टेस्ट से संन्यास लेने के बाद धोनी अन्य प्रारूपों में बने रहें। (भाषा) 

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