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क्या 'बॉस' के जाने से बदल रही है धोनी की किस्मत?

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सुधीर शर्मा

, मंगलवार, 23 जून 2015 (17:17 IST)
बांग्लादेश से मिली सीरीज हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी का यह कहना कि बीसीसीआई चाहे तो कप्तान बदल सकता है, इस बात को दर्शाता है कि ड्रेसिंग रूम में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। यह पहली बार है जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी ने पहली बार बीसीसीआई से कप्तानी छोड़ने की पेशकश की। 
टीम इंडिया में अब तक कप्तानों की विदाई अभी तक यादगार नहीं रही है। तो क्या धोनी भी उसी कड़ी के कप्तान बनने जा रहे हैं। बीसीसीआई के बॉस बदलने से टीम इंडिया और कप्तान भी बदल जाते हैं। बीसीसीआई के अध्यक्ष जब एस श्रीनिवासन रहे तब तक धोनी के प्रदर्शन और फैसलों पर कितने ही सवाल उठे, लेकिन उनकी कप्तानी बिलकुल सुरक्षित रही।
 
अब जगमोहन डालमिया के बीसीसीआई अध्यक्ष बन जाने के ‍बाद धोनी के लिए परिस्थितियां बदल रही हैं। कुछ दिनों पहले खबरें आई थीं कि डालमिया ने धोनी के 'हितों में टकराव' संबंधी मुद्दे पर धोनी के खिलाफ जांच करवाने को मंजूरी दी है। 
 
मामला धोनी के एक खेल प्रबंधन कंपनी रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से संबंध से जुड़ा हुआ था। हालांकि कुछ देर बाद ही जगमोहन डालमिया ने इन खबरों को पर सफाई दी थी कि उन्होंने कभी बीसीसीआई द्वारा जांच कराए जाने की बात नहीं कही। डालमिया ने बाद में भले ही सफाई दे दी हो, लेकिन श्रीनिवासन के कुर्सी छोड़ने और रवि शास्त्री के टीम इंडिया के अंतरिम कोच बनने के बाद धोनी के लिए कप्तानी करना आसान नहीं लग रहा है। 

मीडिया में भी खबरें आती रही हैं कि विराट कोहली और रवि शास्त्री में अच्छा तालमेल और धोनी बीच में आ रहे हैं। खबरें यह भी आई थीं कि धोनी नहीं चाहते थे कि रवि शास्त्री टीम इंडिया के कोच बने। धोनी किसी की दखलंदाजी को पसंद नहीं करते हैं, इसलिए रवि शास्त्री से उनकी बन नहीं रही है। टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर भी बांग्लादेश जैसी टीम के सामने क्लब के खिलाड़ियों की तरह खेल रहे हैं। कहीं टीम इंडिया का यह बांग्लादेश दौरा धोनी की कप्तानी की विदाई का दौरा न बन जाए।
 

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