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राहुल द्रविड़ के नौ साल के बेटे ने रनों का लगाया अंबार

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, शनिवार, 5 सितम्बर 2015 (12:16 IST)
बंगलुरू। जब राहुल द्रविड़ का नाम जेहन में आता है तो निरंतरता एक ऐसा शब्द है जो उनके जुझारूपन को दर्शाता है। ठोस तकनीकि द्रविड़ की क्रिकेट प्रतिभा को दर्शाता हुआ दूसरा शब्द है।

अपने 16 साल के क्रिकेट करियर के दौरान द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यक्रम में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के साथ एक दीवार के रूप में जाने गए। 
 
जब उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लिया विश्व क्रिकेट ने आधुनिक युग के क्लासिकल बल्लेबाज को गंवा दिया। टेस्ट क्रिकेट में 13,288 रन व वनडे क्रिकेट में 10,889 रन बनाने वाले राहुल द्रविड़ ने कई दफे भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई और उनके जाने के बाद भारतीय टीम अभी भी उनकी जगह को भरने में जूझती नजर आ रही है। 
 
अब द्रविड़ की विरासत का जिम्मा उनके नौ साल के बेटे समित के कंधों पर है। ऐसा लगता है उसके छोटे कंधे इस भार को संभालने के लिए तैयार हैं। समित इस समय बैंगलुरू में चल रहे अंडर-12 गोपालन क्रिकेट चैलेंज कप में भाग ले रहे हैं। 
 
समित की बेहतरीन बल्लेबाजी का नमूना न्यू हॉरिजन पब्लिक स्कूल के खिलाफ मैच में देखने को मिला अपने मलैय्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल की ओर से खेलते हुए समित ने 77 रन बनाए और 114 रनों की साझेदारी निभाते हुए अपनी टीम को 16 ओवरों में 210 के स्कोर तक पहुंचाया।
 
बाद में उनकी टीम इस मैच को 114 रनों से जीत गई। जिस तरह से समित ने साझेदारी निभाई उसमें उनके पिता की छाप साफ दिखी। इसके बाद अगले मैच में समित ने और बेहतरीन प्रदर्शन किया और दिल्ली पब्लिक स्कूल के खिलाफ खेलते हुए उसने 93 रनों की पारी खेली और अपनी टीम को 16 ओवरों में 168/3 के स्कोर तक पहुंचाया और बाद में उनकी टीम ने यह मैच 62 रनों से जीता।
 
यह उनके टीम की टूर्नामेंट में दूसरी लगातार जीत रही। समित में इस दौरान वे सभी लक्षण नजर आए जिसने उनके पिता को उनके समय का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनाया। इतनी छोटी उम्र में समित का खेल काबिले तारीफ है। शायद समित ने मजबूत दीवार बनने के लिए पहली ईंट रख दी है।                      

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