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इतिहास दोहराना चाहते हैं धोनी

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लंदन (भाषा) , रविवार, 14 जून 2009 (11:29 IST)
भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ट्वेंटी-20 विश्वकप में रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ सुपर आठ चरण के अहम मुकाबले में दो साल पुराना इतिहास दोहराने की फिराक में हैं, जो मेजबान टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के लिए अच्छी खबर नहीं है।

धोनी ने अपने खिलाड़ियों को याद दिलाया है कि कैसे वे 2007 टी-20 विश्व कप के सुपर आठ चरण के पहले मैच में न्यूजीलैंड से हारने के बाद लगातार दो मैच जीतकर सेमीफाइनल और फिर फाइनल में पहुँचे और विजयी रहे।

धोनी के मुताबिक इस बार भी भारत को वही करिश्मा कर दिखाना है, चूँकि टीम वेस्टइंडीज के हाथों पहले मैच में सात विकेट से पराजय झेल चुकी है। इससे पहले 2007 में न्यूजीलैंड से हारने के बाद भारत ने इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका को हराया था।

इस बार भी वही टीमें हैं और रविवार को इंग्लैंड से मुकाबला करने के बाद मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका से भिड़ना है। भारत ने 2007 में इंग्लैंड को हराया था और युवराजसिंह ने उसी मैच में ब्राड के एक ओवर में छह छक्के जड़े थे।

युवराज के छह छक्के ब्राड के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसे थे। इस बार भी ब्राड अच्छे फार्म में नहीं हैं। पहले ही मैच में हॉलैंड के खिलाफ उन्होंने रनआउट के तीन मौके गँवाए और आखिरी गेंद पर ओवरथ्रो करके हॉलैंड को इस टी-20 विश्वकप की सबसे अप्रत्याशित जीत दर्ज करने का मौका दिया।

उस ओवर में ब्राड ने छह बढ़िया यॉर्कर फेंके, लेकिन आखिरी गेंद पर उनकी चूक का खामियाजा इंग्लैंड को हॉलैंड के हाथों हार के रूप में भुगतना पड़ा। अब टीम इंडिया और युवराज ने उनकी नींद हराम कर दी है।

ब्राड ने हालाँकि कहा कि अब मैं उस ओवर को पीछे छोड़ चुका हूँ। उन छह गेंदों से मैं खराब गेंदबाज नहीं बन गया। उस समय मुझे बुरा लगा, लेकिन मैं जज्बात को ज्यादा हावी नहीं होने देता।

वैसे इंग्लैंड खेमा भले ही आत्मविश्वास से ओतप्रोत होने का दावा करे लेकिन यदि युवराज अपनी लय में दिखे और ब्राड की उन्होंने फिर धुनाई कर दी तो मेजबान को हार से कोई नहीं बचा सकेगा।

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