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धोनी चाहते हैं टीम में 18 खिलाड़ी हों

हमें फॉलो करें धोनी चाहते हैं टीम में 18 खिलाड़ी हों
नई दिल्ली , रविवार, 4 सितम्बर 2011 (18:31 IST)
मैदान पर प्रदर्शन के लिहाज से ही नहीं बल्कि खिलाड़ियों के लगातार चोटिल होने के कारण भी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इंग्लैंड का वर्तमान दौरा काफी निराशाजनक रहा है, जिससे कप्तान महेंद्रसिंह धोनी को भी टीम में 18 खिलाड़ियों को रखने की बात कहनी पड़ी है।

इंग्लैंड दौरे के शुरू से ही भारतीय ड्रेसिंग रूम मिनी अस्पताल बनता गया और इसमें ‘मरीजों’ की संख्या घटने के बजाय लगातार बढ़ती रही। अब एकदिवसीय श्रृंखला शुरू होने से पहले ही सचिन तेंडुलकर की पांव की अंगुलियां की पुरानी चोट का उबर आना और रोहित शर्मा की अंगुली में फ्रैक्चर ने भारतीय टीम की परेशानियां और बढ़ा दी हैं।

पिछले डेढ़ साल में भारतीय खिलाड़ियों को लगातार चोटों की समस्या से जूझना पड़ा है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जबकि एक दौरे में कम से कम सात खिलाड़ी चोटिल हो गए और मूल टीम में बदले हुए खिलाड़ियों (रिप्लेसमेंट) की संख्या भारी पड़ गई।

इंग्लैंड दौरा शुरू होने के बाद से पिछले डेढ़ महीने में भारत के सात खिलाड़ियों को चोटों के कारण श्रृंखला से हटना पड़ा। जहीर खान, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, इशांत शर्मा, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और अब रोहित शर्मा इस सूची में शामिल हो गए हैं। धोनी इससे काफी चिंतित भी हैं।

भारतीय कप्तान ने कहा जो कुछ गलत होना था वह गलत हो रहा है। लेकिन प्रत्येक मैच में चोटिल खिलाड़ियों संख्या बढ़ रही है। मुझे लगता है कि 18 खिलाड़ियों के साथ दौरे पर जाना बुरा विचार नहीं होगा। हमें इस पर गौर करने की जरूरत है।

गंभीर की कोहनी में लॉर्ड्‍स में पहले टेस्ट मैच के दौरान चोट लग गई थी और वह दूसरे मैच में नहीं खेल पाये थे। इसके बाद चौथे मैच में उनके सिर पर चोट लगी और वह धुंधला देखने लगे जिससे उन्हें वनडे श्रृंखला से बाहर होना पड़ा।

भारतीय गेंदबाजी के अगुआ जहीर खान भी लॉर्ड्‍स टेस्ट में ही चोटिल हो गए और आखिर में उन्हें स्वदेश लौटना पड़ा। यही हाल युवराज का रहा। ऑफ स्पिनर हरभजन भी पहले दो टेस्ट मैच खेलने के बाद चोटिल होने के कारण स्वदेश लौट गए।

ईशांत शर्मा ने टेस्ट श्रृंखला में भाग लिया लेकिन वनडे के लिए वह अनफिट हो गए। इस बीच भारत ने लगातार नये खिलाड़ियों को टीम से जोड़ा। टेस्ट श्रृंखला के लिए विराट कोहली, प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह बीच में टीम से जुड़े जबकि वनडे में जहीर, ईशांत और सहवाग के स्थान पर वरुण एरोन, आरपी सिंह और अजिंक्या रहाणे को लिया गया।

जब गंभीर भी बाहर हो गए तो चयनकर्ताओं को फिर से रविंदर जडेजा की याद आई। अब भारतीय टीम प्रबंधन ने क्रिकेट बोर्ड को रोहित के स्थान पर नया खिलाड़ी भेजने के लिए कह दिया।

भारतीय टीम में यह सिलसिला पिछले कुछ समय से चला आ रहा है लेकिन किसी दौरे में एक या दो से अधिक खिलाड़ी रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम से नहीं जुड़े। इस बीच भारत ने अधिकतर श्रृंखलाएं स्वदेश में खेली इसलिए उसे अंतिम एकादश तैयार करने में दिक्कत नहीं हुई।

पिछले साल ही जहीर और एस श्रीसंथ चोटिल होने के कारण श्रीलंका दौरे पर नहीं जा पाए थे और अभिमन्यु मिथुन को रिप्लेसमेंट के तौर पर टेस्ट कैरियर का आगाज करने का मौका मिला।

लक्ष्मण पीठ दर्द के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में नहीं खेले थे, जिससे चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।

दक्षिण अफ्रीका दौरे में तेंडुलकर, सहवाग, गंभीर और प्रवीण कुमार चोटिल होने के कारण एकदिवसीय श्रृंखला में नहीं खेल पाये थे। इससे पहले जहीर के चोटिल होने के कारण जयदेव उनादकट ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।

प्रवीण कुमार विश्व कप की शुरुआती 15 सदस्यीय टीम में शामिल थे लेकिन उन्हें आखिर में टीम से बाहर होना पड़ा और एस श्रीसंथ को विश्व विजेता टीम का हिस्सा बनने का मौका मिल गया।

तेंडुलकर, सहवाग, गंभीर, युवराज और जहीर चोटिल होने के कारण वेस्टइंडीज दौरे पर भी नहीं जा पाये थे जिससे कोहली, प्रवीण और अभिनव मुकुंद जैसे खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेटर बनने का मौका मिला। (भाषा)

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