न्यूजीलैंड के खिलाफ नजदीकी मुकाबले में मिली रोमांचक जीत से उत्साहित दक्षिण अफ्रीका के ट्वेंटी-20 विश्वकप टूर्नामेंट के सुपर आठ चरण में गुरुवार को यहाँ मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ उतरते समय हौसले काफी बुलंद होंगे।
खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे दक्षिण अफ्रीका ने ग्रुप 'डी' में अपने दोनों मैच जीतकर अपने अभियान का शानदार आगाज किया है, लेकिन सुपर आठ चरण में तस्वीर एकदम बदली हुई होगी और यहाँ पर इंग्लैंड जैसी टीम के साथ पहला ही मुकाबला उसके लिए कतई आसान नहीं होगा।
इंग्लैंड ने टूर्नामेंट के पहले ही मैच में नीदरलैंड के हाथों अप्रत्याशित शिकस्त झेलने के बाद दमदार वापसी करते हुए गत उपविजेता पाकिस्तान को करारी मात देकर सुपर आठ की राह सुनिश्चित की है। क्रिकेट का यह जन्मदाता देश अब तक कभी भी विश्व कप नहीं जीत पाया है और इस बार कप्तान पॉल कॉलिंगवुड की अगुआई वाली टीम इस दाग को धोने के लिए तत्पर दिख रही है।
घरेलू स्तर पर काफी पहले से ट्वेंटी-20 खेल रहा इंग्लैंड क्रिकेट के दनादन संस्करण में अभी तक पूरी तरह रम नहीं पाया है, लेकिन इस टीम के पास केविन पीटरसन, रवि बोपारा, कॉलिंगवुड और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे मैच विजेता खिलाड़ी मौजूद हैं और वे कभी भी मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखते हैं।
इंग्लैंड के खिलाड़ियों को इस अहम मैच में अपने घरेलू मैदान पर खेलने का थोड़ा लाभ मिल सकता है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के पास भी ऐसे खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है जो स्विंग गेंदबाजी के अनुकूल हालात का पूरा फायदा उठा सकें।
वनडे क्रिकेट की नंबर एक टीम बनने के बाद ट्वेंटी-20 का भी विश्व विजेता बनने की इच्छा का सार्वजनिक ऐलान कर चुके दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ इस मैच को जीतकर सुपर आठ चरण का विजयी आगाज करना चाहेंगे। आखिर सेमीफाइनल की असली होड़ शुरू हो रही है और यहाँ पर दिखाई गई कोताही उनके सपने को धराशायी कर सकती है।
अगर इस टीम की ताकत का आकलन करें तो यह टीम बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों ही मामलों में काफी संतुलित नजर आती है। बल्लेबाजी में खुद स्मिथ, जैक्स कैलिस, हर्शेल गिब्स, एबी डिविलियर्स और जेपी डूमिनी जबरदस्त फॉर्म में चल रहे हैं और उन्हें रोक पाना अंग्रेज गेंदबाजों के लिए बेहद मुश्किल होगा।
वहीं डेल स्टेन, पेनर्वेल, एल्बी मोर्कल और वान डेर मर्वे उसके गेंदबाजी पक्ष को मजबूत बनाते हैं। आखिर इन गेंदबाजों ने ही तो दक्षिण अफ्रीका को न्यूजीलैंड के खिलाफ एक रन से जीत दिलाई थी। क्षेत्ररक्षण और कैचिंग में तो दक्षिण अफ्रीकी टीम हमेशा ही दूसरों पर भारी पड़ती रही है।
इस तरह इंग्लैंड के खिलाफ कागज पर तो पलड़ा दक्षिण अफ्रीका के ही पक्ष में थोड़ा झुका हुआ लग रहा है, लेकिन असली खेल तो मैदान पर ही खेला जाएगा और जो भी टीम चालीस ओवरों तक अपना संयम बरकरार रखते हुए बेहतर खेल दिखाने में सफल रहेगी, जीत उसी के कदम चूमेगी।