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बेल ने बजाई खतरे की घंटी

केविन पीटरसन 175 रन बनाकर आउट हुए

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लंदन , शनिवार, 20 अगस्त 2011 (00:38 IST)
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इयान बेल और केविन पीटरसन के करारे शतकों और दोनों के बीच तीसरे विकेट की 350 रन की साझेदारी की मदद से इंग्लैंड ने भारत के खिलाफ चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन पहली पारी में तीन विकेट पर 457 रन बनाकर अपना पलड़ा भारी रखा।

बेल (नाबाद 181) ने अपनी पारी के दौरान 304 गेंद का सामना करते हुए 17 चौके और दो छक्के जड़े जबकि पीटरसन (175) ने 232 गेंद की अपनी पारी के दौरान 27 चौके मारे।

इन दोनों ने उस समय इंग्लैंड को संभाला जब टीम सुबह के सत्र में सिर्फ 22 रन जोड़कर अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों के विकेट गंवा चुकी थी। दिन का खेल खत्म होने पर नाइट वाचमैन जेम्स एंडरसन तीन रन बनाकर बेल का साथ निभा रहे थे।

बेल और पीटरसन ने इस दौरान भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैचों में तीसरे विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। इन दोनों ने भारत के गुंडप्पा विश्वनाथ और यशपाल शर्मा को पीछे छोड़ा जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी 1982 में चेन्नई में तीसरे विकेट के लिए 316 रन जोड़े थे।

इन दोनों ही बल्लेबाजों का श्रृंखला में यह दूसरा शतक है। पीटरसन ने इससे पहले लॉर्ड्‍स में पहले टेस्ट की पहली पारी में भी नाबाद 202 रन बनाए थे जबकि बेल ने ट्रेंटब्रिज में दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 159 रन बनाकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

दूसरे दिन सुबह के सत्र को छोड़कर पूरे दिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों का दबदबा रहा। सुबह का सत्र भारतीय गेंदबाजों के नाम रहा, जिन्होंने 25 ओवर में 51 रन देकर दो विकेट हासिल किए लेकिन दूसरे सत्र में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जोरदार वापसी करते हुए 38 ओवर में बिना विकेट गंवाए 170 रन जोड़े।

मेजबान टीम के बल्लेबाजों ने इसके बाद तीसरे सत्र में भी 34 ओवर में 161 रन जोड़े जबकि एक विकेट गंवाया। भारतीय गेंदबाजों ने सुबह के सत्र में बेहतर गेंदबाजी की। श्रीसंत ने इंग्लैंड के कप्तान स्ट्रास (40) को विकेटकीपर महेंद्रसिंह धोनी के हाथों कैच कराकर भारत को दूसरी सफलता दिलाई। स्ट्रास अपने पिछलेस्कोर में केवल दो रन जोड़ पाये जबकि सुबह उन्होंने 32 गेंदों का सामना किया।

बेल और पीटरसन ने इसके बाद पारी को संभाला। पीटरसन ने श्रीसंथ पर दो चौकों के साथ सकारात्मक शुरूआत की जबकि लेग स्पिनर अमित मिश्रा पर भी दो चौके मारे। पहले सत्र की अंतिम गेंद पर पीटरसन हालांकि भाग्यशाली रहे जब ईशांत शर्मा की गेंद पर लेग स्लिप में सुरेश रैना उनका मुश्किल कैच लेने में नाकाम रहे।

लंच के बाद बेल और पीटरसन ने खुलकर बल्लेबाजी की। पीटरसन ने मिश्रा के ओवर में दो चौके मारे जबकि बेल ने श्रीसंथ के दो ओवर में पांच चौके जड़े और इस दौरान अपना अर्धशतक भी पूरा किया।

पीटरसन ने भी ईशांत की गेंद पर एक रन के साथ सिर्फ 62 गेंद में 50 रन के आंकड़े को छुआ। अर्धशतक पूरे करने के बाद दोनों बल्लेबाजों ने तेजी से रन बटोरे और एक दो रन के साथ स्कोर बोर्ड को चलयमान रखा। दोनों ने खराब गेंद को नसीहत देने में भी कोई कोताही नहीं बरती। पीटरसन ने इस बीच इशांत जबकि बेल ने आरपी सिंह पर दो-दो चौके मारे।

बेल ने चाय के विश्राम से पहले रैना की गेंद पर कवर क्षेत्र से चौका जड़कर 181 गेंद में श्रृंखला का अपना दूसरा और कैरियर का 16वां शतक पूरा किया।

भारत के स्पिनरों को पिच से बिलकुल भी मदद नहीं मिल रही थी लेकिन इसके बावजूद भारतीय कप्तान धोनी ने 80 ओवर बाद नयी गेंद नहीं लेने का फैसला किया और पुरानी गेंद के साथ स्पिनरों से गेंदबाजी कराई जिसका पीटरसन और बेल ने पूरा फायदा उठाया। धोनी ने इसके बाद 89वें ओवर में नयी गेंद ली।

चाय के बाद पीटरसन ने इशांत की पहली गेंद को ही मिडविकेट पर चार रन के लिए भेजकर 148 गेंद में अपना शतक पूरा किया। वह हालांकि अगली गेंद को भाग्यशाली रहे गौतम गंभीर ने मिडऑन पर उनका कैच टपका दिया।

दाएं हाथ का यह बल्लेबाज पिछली गेंद को अपने शॉट को दोहराना चाहता था लेकिन गेंद उनके बल्ले के ऊपरी हिस्से से टकराकर हवा में लहरा गई लेकिन गंभीर इसे लपकने में नाकाम रहे।

पीटरसन पर हालांकि कैच छूटने का कोई दबाव नहीं आया और उन्होंने मिश्रा के ओवर में तीन चौकों के साथ अपने तेवर दिखाए। बेल ने भी ईशांत पर दो चौके जड़े जबकि मिश्रा पर लगातार दो छक्के भी मारे।

पीटरसन ने कामचलाऊ गेंदबाज रैना पर चौके से बेल के साथ 350 रन की साझेदारी पूरी की लेकिन वह अगली गेंद पर इसी गेंदबाज को वापस कैच दे बैठे। पीटरसन ने अमित मिश्रा को विशेष तौर पर निशाना बनाया और उन पर 15 चौके जड़े जबकि बेल ने अपने अधिकतर चौके श्रीसंथ (8) और आरपी सिंह (6) को मारे। (भाषा)

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