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भारत के लिए उम्मीदों को फिर से जगाने का मौका

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साउथम्पटन , सोमवार, 5 सितम्बर 2011 (15:54 IST)
पहले मैच में शानदार प्रदर्शन के बावजूद बारिश की खलनायकी के कारण जीत से महरूम रहा विश्व चैंपियन भारत यहां पांच वनडे मैचो की सिरीज के दूसरे मैच में मंगलवार को यहां उतरेगा तो उसका मकसद मेजबान इंग्लैंड को हराकर अपना मनोबल ऊंचा रखने का होगा।

टेस्ट सिरीज और टवेंटी-20 में हार, अंग्रेज क्रिकेटरों की बदजुबान टिप्पणियां और चोटिल खिलाडियों की लंबी होती फेहरिस्त आदि कारणों से भारत के लिए यह सिरीज बेहद कठिन होती जा रही है, लेकिन इन सबके बीच उसके बल्लेबाजों ने दौरे पर पहली बार शनिवार को जो जीवट प्रदर्शन किया उससे टीम का मनोबल कुछ ऊंचा जरूर हुआ है।

अब अपने विश्व खिताब की लाज बचाने के लिए टीम के पास एकमात्र मौका वनडे सिरीज में बेहतर प्रदर्शन के साथ लौटने का है। इस कारण वह इस मैच में जीत से कम कुछ भी नहीं सोचेगी। लगातार खिलाड़ियों के बदले जाने के कारण तारतम्यता में कुछ बाधाएं आती हैं लेकिन अब तो बदलावों के कारण भारतीय टीम पूरी तरह युवाओं की टीम हो चुकी है, इसलिए यंगिस्तान के जोशीले प्रदर्शन में तारतम्यता टूटनी नहीं चाहिए। पहले वनडे में युवा बल्लेबाजों ने कुछ ऐसा ही प्रदर्शन भी किया था।

पूरे इंग्लैंड दौरे पर भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ाई हुई लग रही थी। अब उसके लिए आगे बढ़ने का मौका है। यहां शानदार फार्म में रहने के बावजूद विवादास्पद फैसलों का शिकार रहे राहुल द्रविड़ इस बार बेहतर किस्मत की उम्मीद के साथ मैदान में उतरेंगे और टीम इंडिया के समर्थकों को भी ऐसी ही उम्मीद रहेगी।

चोटिल होकर टीम से बाहर हुए मध्यक्रम के बल्लेबाज रोहित शर्मा की जगह मनोज तिवारी को बुलावा भेजा गया है लेकिन देखना होगा कि क्या अंतिम एकादश में उन्हें जगह मिल पाती है। रोहित की अनुपस्थिति में सुरेश रैना टीम में एकमात्र आलराउंडर रह जाएंगे।

यह मैच भारत के गेंदबाजों की भी परीक्षा लेगा। एकमात्र टवेंटी-20 में अच्छा स्कोर बनाने के बावजूद भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था और पहले वनडे में टीम सात ओवर ही गेंदबाजी कर पाई थी। हालांकि इन सात ओवरों में गेंदबाजी बहुत अच्छी रही थी।

उस मैच में भारत ने मेरठ एक्सप्रेस प्रवीण कुमार, कर्नाटक के आर विनय कुमार और गुजरात के मुनाफ पटेल की पेस तिकड़ी को आजमाया था। उम्मीद की जा रही है कि यही तिकड़ी दूसरे मैच में भी मैदान में उतरेगी। स्पिन की कमान रविचंद्रन अश्विन तथा अमित मिश्रा में से किसी एक को मिल सकती है।

इंग्लैंड के लिए स्थितियां ज्यादा अनुकूल हैं। घरेलू हालात के लाभ के अलावा पूरे दौरे में भारत पर बनाए मनोवैज्ञानिक दबाव के कारण उसे कभी भी अपना पलड़ा भारी करने में आसानी रहेगी। हालांकि पहले मैच में भारत के बल्लेबाजों के प्रदर्शन से अंग्रेज खेमे में खतरे की घंटी जरूर बजी होगी।

कुल मिलाकर भारत के लिए खेल मैदान से ज्यादा मनोवैज्ञानिक स्तर पर मजबूती से खेलने का होगा। वहीं बेहतरीन फार्म में चल रही इंग्लैंड टीम के स्थितियां सहज होंगी लेकिन क्रिकेट की अनिश्चितताएं मैच में रोमांच पैदा करेंगी, ऐसी उम्मीद तो की ही जा सकती है। (वार्ता)

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