लंदन (वेबदुनिया) , सोमवार, 15 जून 2009 (11:07 IST)
गत विश्व चैम्पियन भारत ने लचर बल्लेबाजी का खामियाजा बुरी तरह भुगता और वह इंग्लैंड के हाथों 3 रन से हारकर आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्वकप से बाहर हो गया। इंग्लैंड की कसी हुई गेंदबाजी ने कभी भी भारत को खुलकर खेलने नहीं दिया।
इंग्लैंड ने 7 विकेट खोकर 153 रन बनाए। जवाब में भारत 5 विकेट खोकर 150 रन ही बना सका। इस तरह सुपर-8 में हुई यह हार भारत को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा गई। भारत के हारने के साथ ही भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक तरह से विश्वकप समाप्त हो गया है।
मध्य ओवरों में की गई धीमी बल्लेबाजी का भारतीय टीम को खामियाजा भुगतना पड़ा। न तो धोनी अपने रंग में दिखाई दिए और न ही यूसुफ पठान को कोई मौका मिला। अंतिम 6 गेंदों में भारत को 19 रनों की दरकार थी।
इसके बाद 3 गेंदों में 15 रन चाहिए थे, तभी यूसुफ पठान ने छक्का उड़ाकर आस जगाई लेकिन अंतिम दो गेंदों में से सिर्फ एक ही गेंद पर चौका उड़ाया जा सका। जब मैच की आखिरी गेंद फेंकी जानी थी, तब भारत जीत से 8 रन दूर था और धोनी का चौका किसी काम का नहीं रहा।
यह बात किसी भी सूरत में गले नहीं उतरती कि धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी क्यों नहीं की? भारतीय कप्तान खुद जानते है कि थोड़े से दबाव में भारतीय टीम बिखर जाती है, ऐसे में इतने महत्वपूर्ण मैच में यह चूक कैसे हो गई?
इससे पहले भारत ने सिक्का जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण करने का निर्णय लिया था। भारतीय गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी का मुजाहिरा करते हुए इंग्लैंड को 20 ओवर में 153 रन बनाने की ही छूट दी। हरभजन सिंह ने 3 विकेट लिए, लेकिन भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह लड़खड़ा गई।
भारत ने जल्दी ही 2 विकेट (रोहित शर्मा 9 और रैना 2 रन) के खो दिए थे। गौतम गंभीर ने काफी समय तक मोर्चा संभाले रखा लेकिन वे भी 26 रन बनाकर पैवेलियन लौट आए। उन्हें मैस्काहारेंस ने आउट किया।
युवराजसिंह ने मैस्काहारेंस का स्वागत छक्के के साथ किया और बढ़ते दबाव को कम करने की कोशिश की, लेकिन इसी बीच रविन्दर जडेजा छक्का मारने के प्रयास में 25 रनों पर आउट हो गए। जडेजा के आउट होने के बाद युवराजसिंह (17) स्वान की गेंद पर स्टंप आउट करार दिए गए। युवराज का आउट होना ही भारत की हार का 'टर्निंग पाइंट' साबित हुआ। इसके बाद यूसुफ पठान और धोनी के प्रयास जीत के लिए नाकाफी रहे और भारत 20 ओवर में 150 रन ही बना सका। इंग्लैंड की ओर से एंडरसन ने 32 रन देकर सर्वाधिक दो विकेट हासिल किए।
इंग्लैंड की पारी की शुरुआत रवि बोपारा और ल्यूक राइट ने की, जो काफी खराब रही। दूसरे ही ओवर में आरपी सिंह ने राइट (1) को यूसुफ पठान के हाथों कैच आउट करवा दिया। तब इंग्लैंड का स्कोर केवल 3 रन ही था। रविन्दर जडेजा ने रवि बोपारा (37) को बोल्ड करके इंग्लैंड को दूसरा झटका दिया।
हरभजन सिंह ने ओवेस शाह (12) को सीमा रेखा के करीब रविन्दर जडेजा के हाथों कैच आउट करवाया। मेजबान टीम 92 रन पर तीन विकेट गँवा चुकी थी। रविन्दर जडेजा ने मेजबान टीम को उस वक्त करारा झटका दिया, जब उन्होंने केविन पीटरसन को 46 रनों पर पगबाधा आउट कर दिया।
इंग्लैंड का स्कोर जब 138 रन था, तब जहीर खान ने पॉल कॉलिंगवुड (7) को पगबाधा आउट कर दिया। हरभजनसिंह ने मैच का 20 वाँ ओवर करिश्माई ढंग से डाला। ओवर की तीसरी और चौथी गेंद पर क्रमश: फोस्टर (7) और स्वान (1) को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। इस तरह मेजबान टीम 7 विकेट पर 153 रन ही बना सकी।