Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मिठाई की तरह है ट्वेंटी-20 क्रिकेट:सचिन

टेस्ट क्रिकेट के बिना जिंदा नहीं रह सकता

हमें फॉलो करें मिठाई की तरह है ट्वेंटी-20 क्रिकेट:सचिन
लंदन (भाषा) , मंगलवार, 16 जून 2009 (11:11 IST)
मास्टब्लास्टसचिन तेंडुलकर ने कहा कि ट्वेंटी-20 क्रिकेट उस मिठाई की तरह है, जो स्वाद में अच्छी है लेकिन इससे पेट नहीं भरता। उसके लिए पूरा खाना जरूरी है, जो टेस्ट क्रिकेट है। मैं उसके बिना जिंदा नहीं रह सकता।

उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट किसी भी खिलाड़ी के लिए हमेशा नंबर वन प्रारूप रहेगा। उन्होंने कहा एक क्रिकेटर के लिए टेस्ट क्रिकेट नंबर वन रहेगा। टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाज हमेशा आपको आउट करने की जुगत में रहता है और आपको पूरे पाँच दिन अच्छा खेलना होता है।

तेंडुलकर ने कहा कि ट्वेंटी-20 में ऐसे खिलाड़ी 20-30 मिनट में कमाल कर जाते हैं, जिनके बारे में आपने कभी सुना भी न हो। इसमें कामयाब होना आसान है। टेस्ट क्रिकेट में 54.58 की औसत से 12733 रन बनाने वाले तेंडुलकर के लिए हालाँकि एकदिवसीय विश्व कप जीतना अब भी सपना बना हुआ है और वे पाँच प्रयासों में भी सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं।

तेंडुलकर ने 1983 के विश्व कप में भारत की जीत पर कहा कि मैंने अपने दोस्त के घर फाइनल मैच देखा था। मेरे दोस्त जो मुझसे काफी बड़े थे, जश्न मना रहे थे, उछल रहे थे। मैं भी उनके साथ जश्न मनाने लगा लेकिन मुझे नहीं पता था कि क्या हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद ही मैंने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया। इससे पहले मैं टेनिस गेंद के साथ इसका मजा लेता था। उस जश्न के माहौल के दौरान मैंने देखा कि क्रिकेट पूरे देश का मूड बदल सकता है। यही कारण है कि विश्व कप जीतना मेरा सपना है।

तेंडुलकर का नौ वर्षीय बेटा अर्जुन हालाँकि फटाफट क्रिकेट को लेकर अधिक उत्साहित है। इंडियन प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियन्स की कमान संभालने वाले तेंडुलकर ने स्वीकार किया कि मेरे बेटे को क्रिकेट पसंद है लेकिन ट्वेंटी-20 ने इसे और बढ़ा दिया है। यह संगीत या पोशाक नहीं बल्कि इसमें पड़ने वाले छक्कों की संख्या है। वह मैदान पर उतरकर ताबड़तोड़ खेलना चाहता है। यही उसे रोमांचित करता है।

तेंडुलकर ने कहा कि वह अधिक संख्या में लोगों का ध्यान खींचने की ट्वेंटी-20 क्रिकेट की क्षमता का इस्तेमाल खेल के वैश्वीकरण के लिए करना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इसे नए देशों तक ले जाना चाहता हँ, खासकर अमेरिका में। यह कल ही नहीं हो सकता लेकिन प्रयास किया जा सकता है।

तेंडुलकर ने कहा कि लेकिन इसने (ट्वेंटी-20 ने) दुनिया में लोगों पर प्रभाव छोड़ा है। यहाँ तक कि क्रिकेट नहीं खेलने वाले देशों में भी इस प्रारूप ने दोबारा दिलचस्पी जगा दी है। पूर्व भारतीय कप्तान ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि खेल की वैश्विक लोकप्रियता का फायदा टेस्ट प्रारूप को भी मिले और नई पीढ़ी इसे नई दिलचस्पी के साथ स्वीकार करे।

उन्होंने कहा कि किसी ने कहा था कि क्रिकेट की पहली सनसनी स्टेडियम के अंदर जाना है और यह जीवनभर आपको याद रहता है। निश्चित तौर पर मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। मुझे याद है जब मैं 10 बरस की उम्र में वानखेड़े स्टेडियम में गया था उस समय वेस्टइंडीज की टीम खेल रही थी। '

उन्होंने कहा कि यह बेहतरीन था। मैं सोच भी नहीं सकता था कि मैदान कैसा होगा। लोगों से खचाखच भरा और चारों ओर शोरगुल। मैं सोच भी नहीं सकता था कि गेंद कितनी तेजी से जा रही है। मेरे हीरो सुनील गावस्कर और विवियन रिचर्ड्स भी वहाँ थे। यह देखना विशेष था। टीवी पर आपको ऐसा अहसास नहीं होता।

वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल के बयान कि टेस्ट क्रिकेट के खत्म होने पर उन्हें अधिक दुःख नहीं होगा, तेंडुलकर ने कहा कि गेल का अपना नजरिया हो सकता है लेकिन वे अच्छे इनसान हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi