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मैनचेस्टर में रहा है इंग्लैंड का दबदबा

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नई दिल्ली , सोमवार, 29 अगस्त 2011 (15:58 IST)
टेस्ट सिरीज में इंग्लैंड के हाथों 0-4 से व्हाइटवॉश के बाद सीमित ओवरों की सिरीज के साथ वापसी की कवायद में जुटी भारतीय टीम की राह आसान नहीं होगी क्योंकि 31 अगस्त को उसे मैनचेस्टर के उस ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान से शुरुआत करनी है जो मेजबान टीम का गढ़ रहा है।

दोनों टीमों के बीच एकमात्र ट्वेंटी-20 मैच ओल्ड ट्रैफर्ड पर खेला जाएगा जबकि तीन सितंबर से चेस्टर ली स्ट्रीट में पांच वनडे मैचों की सिरीज शुरू होगी।

ओल्ड ट्रैफर्ड शुरू से ही मेजबान टीम के पसंदीदा मैदानों में शुमार रहा है जहां उसने विरोधी टीमों पर दबदबा बनाने में सफलता पाई है। टीम ने यहां 73 टेस्ट में से 25 में से जीत दर्ज की जबकि 14 बार उसे हार का सामना करना पड़ा। वनडे में टीम का रिकॉर्ड बेहतर है जहां उसने 31 मैचों में से 20 में जीत का स्वाद चखा जबकि 10 बार उसे हार झेलनी पड़ी।

दूसरी तरफ भारत इस मैदान पर खेले आठ टेस्ट में कोई जीत दर्ज नहीं कर पाया और उसे तीन बार हार का सामना करना पड़ा। वनडे में भी टीम इंडिया आठ मैचों में से तीन ही जीत पाई जबकि पांच बार उसे शिकस्त झेलनी पड़ी।

अप्रैल में विश्व चैम्पियन बनी भारतीय टीम के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती सीमित ओवरों के प्रारूपों में अपनी प्रतिष्ठा के मुताबिक प्रदर्शन करना है।

ट्वेंटी-20 मैचों की बात करें तो इस मैदान पर क्रिकेट के लघु प्रारूप के दो मैचों का आयोजन किया गया है जिसमें इंग्लैंड ने एक मैच में न्यूजीलैंड को हराया जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच बारिश की भेंट चढ़ गया।

भारत को इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेले पिछले मैच में 30 अगस्त 2007 को तीन विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा था लेकिन इससे पहले भारत ने विश्व कप 1999 में पाकिस्तान को इसी मैदान पर 47 रन से हराया था।

महेंद्र सिंह धोनी की टीम इंडिया के लिए टेस्ट सिरीज में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सीमित ओवरों की सिरीज की शुरुआत जीत के साथ करना अहम होगा और ऐसे में बल्लेबाजों को अहम भूमिका निभानी होगी जो टेस्ट सिरीज में केवल एक बार 300 रन के आंकड़े को छू पाए थे।

सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली, रोहित शर्मा, सुरेश रैना और धोनी को बेहतर प्रदर्शन करना होगा जबकि सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को खेलने को लेकर अभी सवालिया निशान लगा हुआ है।

टेस्ट सिरीज में भारत के दो सबसे सफल बल्लेबाज रहे तेंडुलकर और द्रविड़ के अलावा आरपी सिंह को ही इस मैदान पर खेलने का अनुभव है जो टीम इंडिया के लिए चिंता का सबब हो सकता है।

हालांकि तेंडुलकर और द्रविड़ दोनों के ही ट्वेंटी-20 मैच में खेलने की संभावना काफी कम है। तेंडुलकर ने अपने करियर में सिर्फ एक ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है जबकि अगर द्रविड़ इस मैच में खेलते हैं तो वह पदार्पण करेंगे। (भाषा)

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