अनुभवी महेला जयवर्धने की विषम परिस्थितियों में खेली गई 78 रन की बेहतरीन पारी के दम पर श्रीलंका ने 'उलटफेर के जाल' से बाहर निकलकर आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्व कप के रोमांचक मैच में आयरलैंड पर 9 रन से जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में अपनी जगह लगभग पक्की की।
मैच के पहले ओवर से ही श्रीलंका पर आयरिश आतंक छाने लगा था। आयरलैंड का क्रिकेट इतिहास उलटफेर का रहा है और एक समय वह फिर से इस मुकाम के करीब पहुँच गया था, लेकिन जयवर्धने की विश्वसनीय बल्लेबाजी और बाद में अजंता मेंडिस और लसिथ मलिंगा की अच्छी गेंदबाजी से उसका सपना पूरा नहीं हो पाया।
श्रीलंका ने जब दो विकेट 14 रन पर गँवा दिए तो कुमार संगकारा को भी एकबारगी लगा होगा कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का उनका फैसला सही नहीं था, लेकिन जयवर्धने ने 53 गेंद पर नौ चौकों और एक छक्के की मदद से 78 रनों की बेजोड़ पारी खेली तथा सनथ जयसूर्या (27) के साथ तीसरे विकेट के लिए 67 रन की साझेदारी निभाकर श्रीलंका को 9 विकेट पर 144 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुँचाया।
विलियम पोर्टरफील्ड (31) और नियल ओ'ब्रायन (31) ने आयरलैंड को अच्छी शुरुआत दिलाकर श्रीलंकाई खिलाड़ियों की पेशानी पर बल ला दिए लेकिन मेंडिस और मलिंगा ने महत्वपूर्ण मोड़ पर दो-दो विकेट लेकर आयरलैंड को सात विकेट पर 135 रन ही बनाने दिए।
श्रीलंका के अब दो मैच में चार अंक हैं और वह ग्रुप 'एफ' में शीर्ष पर है। उसे अपना अंतिम मैच 16 जून को न्यूजीलैंड से खेलना है। आयरलैंड इस हार से सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गया है।
पोर्टरफील्ड और नियल ओ'ब्रायन ने आयरलैंड को अच्छी शुरुआत दिलाई और नौ ओवर में 59 रन जोड़े। इन दोनों ने तेज और स्पिन गेंदबाजी का डटकर सामना किया तथा एक या दो रन लेकर स्कोर बोर्ड को चलायमान रखने की रणनीति अपनाई।
मुरलीधरन ने दसवें ओवर में पोर्टरफील्ड को विकेटकीपर कुमार संगकारा के हाथों कैच कराकर अपनी टीम को पहली सफलता दिलाई जिनकी 29 गेंद की पारी में 5 चौके शामिल हैं। पोर्टरफील्ड का स्थान लेने के लिए पहुँचे एंड्रयू व्हाइट (22) ने नुवान कुलशेखरा की लगातार गेंद पर छक्का और चौका जड़ा, लेकिन इसी ओवर में विकेट के पीछे कैच देकर वे पैवेलियन लौट गए।
मेंडिस की अँगुलियों का कमाल उनके तीसरे ओवर में दिखा जब उन्होंने खतरनाक ब्रायन बंधुओं केविन और नियल को चार गेंद के अंदर पैवेलियन की राह दिखाई जबकि चौथे गेंदबाज के रूप में गेंद संभालने वाले लेसिथ मलिंगा ने ट्रेंट जॉनस्टन और आंद्रे बोथा को लगातार यॉर्कर पर बोल्ड करके यह विश्वास पक्का करने की कोशिश की अब उलटफेर नहीं होगा।
लेकिन बाएँ हाथ के बल्लेबाज जॉन मूनी के इरादे कुछ और ही थे और उन्होंने 19वें ओवर में 18 रन बटोरकर संगकारा को फिर चिंता में डाल दिया। नुवान कुलशेखरा के इस ओवर में उन्होंने तीन चौके जड़े लेकिन जब आयरलैंड को अंतिम ओवर में 18 रन चाहिए थे, तब मालिंगा के सामने उनकी एक नहीं चली।
इससे पहले श्रीलंकाई टीम ने चौथे ओवर तक बेहतरीन फॉर्म में चल रहे तिलकरत्ने दिलशान (0) और संगकारा (3) के विकेट गँवा दिए। आयरलैंड के मध्यम गति और स्पिन गेंदबाजों ने शुरू से ही अनुशासित गेंदबाजी करके जयसूर्या जैसे आक्रामक बल्लेबाज को भी खुलकर नहीं खेलने दिया।
उसकी तरफ से एलेक्स कुसैक ने तीन ओवर में 18 रन देकर चार विकेट लिए लेकिन श्रीलंका को शुरुआती झटके वायड रैनकिन (27 रन पर 2), ट्रेंट जॉनस्टन (18 रन पर 1) और कील मैककलान (33 पर पर दो विकेट) ने दिए।
आयरलैंड के तेज गेंदबाजों का शुरू में इस कदर दबदबा था कि श्रीलंका के दमदार बल्लेबाज पावर-प्ले के पहले छह ओवर में केवल 28 रन बना पाए तथा दस ओवर बाद स्कोर बोर्ड पर केवल 67 रन दर्ज थे।
जयवर्धने और जयसूर्या ने विकेट बचाए रखकर जिम्मेदारी से पारी आगे बढ़ाई। स्पिनर रीगन वेस्ट के गेंद संभालने तक ये दोनों बल्लेबाज इक्के-दुक्के रन के सहारे ही आगे बढ़ते रहे। जयवर्धने ने वेस्ट के दूसरे ओवर में 14 रन बटोरकर अपना अर्धशतक भी पूरा किया। जब यह साझेदारी खतरनाक दिख रही थी तब मैककलान ने जयसूर्या को पगबाधा आउट करके आयरलैंड को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। उन्होंने नए बल्लेबाज चामरा सिल्वा (4) को भी अधिक देर तक नहीं टिकने दिया।
कुसैक ने अपने दूसरे ओवर में जेहान मुबारक (7) और जयवर्धने को पैवेलियन भेजा और फिर एंजेला मैथ्यूज और मुरलीधरन को आउट करके पारी में चार विकेट लेने का कारनामा पूरा किया।