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मिला हमेशा जवान रहने का नुस्खा

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, शुक्रवार, 15 मई 2015 (15:40 IST)
एक प्रोफेसर का दावा है कि उसने दक्षिण जापान के लोगों की लंबी उम्र का राज ढूंढ निकाला है। यह राज एक खास पौधे के अर्क में छुपा है, जिसे स्थानीय लोग 'गेटो' के नाम से जानते हैं।
ओकिनावा की रियूक्यूस यूनिवर्सिटी में कृषि विज्ञान के प्रोफेसर शिंकिचि तवाडा ने दक्षिण जापान के लोगों की लंबी उम्र का राज ढूंढ निकाला है। तवाडा को विश्वास है कि गहरे पीले-भूरे से रंग का दिखने वाला एक खास पौधे 'गेटो' का अर्क इंसान की उम्र 20 फीसदी तक बढ़ा सकता है। तवाडा कहते हैं, 'ओकिनावा में कई दशक से लंबी उम्र तक जीने का दर दुनिया में सबसे ज्यादा रहा है और मुझे लगता है कि इसका कारण जरूर यहां के परंपरागत खान पान में ही छुपा है।'
 
काइको उहारा 64 साल की हैं लेकिन अपनी उम्र से कहीं कम की दिखती हैं। इसका राज वह गेटो को बताती हैं। काइको अपनी दुकान में ऐसे सौंदर्य उत्पाद भी बेचती हैं जिनमें गेटो ही मुख्य घटक होता है, 'मैं गेटो का काढ़ा पीती हूं, जो मुझे तरो ताजा कर देता है, और मैं इस पौधे के अर्क को पानी में घोल कर लगाती हूं जिससे झुर्रियां भी कम होती हैं।'
 
पौधे में छुपा है रहस्य : तवाडा पिछले 20 साल से अदरक के परिवार के एक खास पौधे का अध्ययन कर रहे हैं जिसे स्थानीय लोग 'गेटो' के नाम से जानते हैं। इसे विज्ञान की भाषा में एल्पिनिया जेरूंबेट, पिंक पोर्सिलेन लिली या शेल जिंजर के नाम से भी जाना जाता है। तवाडा को लगता है कि उनके इतने लंबे शोध का फल अब मिल गया है। कुछ समय पहले ही कीड़ों पर किये एक प्रयोग में उन्हें उत्साहजनक नतीजे मिले जब उन्होंने देखा कि जिन कीड़ों को रोज गेटो की खुराक दी जा रही थी, उनकी उम्र अन्य कीड़ों के मुकाबले 22।6 प्रतिशत ज्यादा रही।
 
बड़ी हरी पत्तियों, लाल फलों और सफेद फूलों वाला यह पौधा सदियों से ओकिनावा के खानपान का खास हिस्सा रहा है और अब भी जंगली पौधे की तरह उगता है। तवाडा कहते हैं कि पहले लोगों को भले ही यह नहीं पता था कि इसमें रेसवेराट्रॉल नाम का एंटीऑक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। लेकिन वे यह जरूर जानते थे कि यह पौधा उनकी सेहत के लिए फायदेमंद है। तकाडा बताते हैं, 'परंपरागत रूप से ओकिनावा के लोग जानते थे कि जाड़ों में बनाया जाने वाला एक खास व्यंजन, मुची, जिसे चावल के पेस्ट को गेटो की पत्ती में लपेट कर बनाया जाता था, सर्दी से बचाने के साथ साथ ताकत भी देती थी।'
 
'फास्ट फूड की बढ़ती ललक' : लेकिन ओकिनावा में भी चीजें बहुत बदल गई हैं। परंपरागत खानपान की चीजें जिसमें स्थानीय सब्जियों, मछलियों और समुद्री शैवालों की अधिकता होती थी, उनकी जगह अब स्टेकहाउस और बर्गर बेचने वाली दुकानें लेती जा रही हैं। ओकिनावा द्वीप समूह की राजधानी नाहा की सड़कें ऐसी दुकानों से भरती जा रही हैं।
 
ओकिनावा की महिलाएं आज भी बहुत लंबा जीवन जी रही हैं। सत्तासी साल की औसत आयु वाली इन महिलाओं की जीने की दर अब भी जापान में सबसे लंबी उम्र की सूची में काफी ऊपर है। लेकिन पुरूष 79.4 वर्ष की औसत आयु के साथ इस सूची में नीचे आ गए हैं और राष्ट्रीय औसत से भी कम है। और तो और इस द्वीप समूह में पुरूषों में मोटापे की दर जापान में सबसे ऊंची है। तवाडा कहते हैं, 'आजकल लोग फास्टफूड बहुत खाते हैं, लंबे जीवन की प्रत्याशा कम हो रही है। समय आ गया है कि अपने क्षेत्र के खानपान की परंपराओं से दुबारा जुड़ा जाए।'
 
गेटो का बढ़ता कोरोबार : गेटो के स्वास्थ्य से जुड़े फायदे धीरे धारे लोगों को पता चल रहे हैं। तवाडा के रिसर्च के इर्द गिर्द एक पूरा कुटीर उद्योग विकसित हो रहा है। शहर के थोड़ा बाहर इसामु कीना ने पूरे खेत में गेटो उगाया है। उनकी कंपनी रिच ग्रीन इस क्षेत्र में गेटो की सबसे बड़ी उत्पादक है। इसामु कहते हैं, 'हमें ओकिनावा पर सीमित रहने की कोई जरूरत नहीं है। हम इसे दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाना चाहते हैं।'
 
वहीं अपनी प्रयोगशाला में काम करते तवाडा को लगता है कि लोगों ने अब इस पौधे के महत्व को समझना शुरू कर दिया है। उन्हें लगता है कि आने वाले समय में यह ओकिनावा और पूरी दुनिया को भी काफी बदल देगा, 'आज गेटो का इस्तेमाल सिर्फ सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन यह इसका सिर्फ एक उपयोग है और मुझे लगता है कि जल्द ही गेटो का इस्तेमाल दवाइयों और अन्य क्षेत्रों में होने लगेगा। मैं उम्मीद करता हूं कि एक दिन गेटो पूरे द्वीप की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाएगा।'
 
- आरआर/आईबी (एएफपी)

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