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सोच समझ कर खाएं ब्रेड

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DW

, मंगलवार, 16 सितम्बर 2014 (10:50 IST)
आजकल ब्रेड दिन की शुरुआत का पर्याय सा बन गई है। लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि कौन सी ब्रेड आपको नुकसान पहुंचा सकती है...

ब्रेड पूरी तरह सिर्फ अनाज से ही नहीं बनती है। इसे पेट आसानी से पचा लेता है और ब्रेड में मौजूद स्टार्च तेजी से विघटित हो ग्लूकोस के रूप में रक्त में आ जाता है। इससे ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर अचानक बढ़ता है। लेकिन फिर तेजी से गिरता भी है, और गिरते ही हमें फिर भूख लग जाती है।

ब्रेड में काफी मात्रा में ग्लूटेन होता है। ग्लूटेन की वजह से शरीर के पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। इससे उन लोगों को दिक्कत हो सकती है जिनका पाचन तंत्र कमजोर है। पेट फूल सकता है।

ब्रेड के लिए आटा बारीक करने की प्रक्रिया में आटे में मौजूद विटामिन बी6, विटामिन ई, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे तत्व नष्ट हो जाते हैं। बिना पोषक तत्वों के यह एक बेकार विकल्प है।

बाजार में मिल रही ज्यादातर सफेद ब्रेड में फ्रुक्टोस कॉर्न शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। सफेद ब्रेड को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले अनाज में नुकसानदेह फाइटिक एसिड भी होता है जो शरीर में कैल्शियम, आयरन और जिंक को सोखने की प्रक्रिया को रोकता है।

पूरे पिसे हुए गेहूं से तैयार ब्रेड खाने से बेहतर है साबुत गेहूं से तैयार ब्रेड खाई जाए। बारीक पिसे हुए आटे से तैयार ब्रेड को डायबिटीज और मोटापे का प्रमुख कारण माना जाता है।

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