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बड़ा है भारत का परमाणु कार्यक्रम

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, गुरुवार, 5 नवंबर 2015 (11:50 IST)
नॉर्वे ने न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है तो अमेरिकी थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी का कहना है कि भारत का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम विकासशील देशों में सबसे बड़ा है।
अमेरिकी शोध संस्थान इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 के अंत तक भारत के पास 75 से 127 परमाणु हथियारों के लायक पर्याप्त शस्त्र योग्य प्लूटोनियम था। रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत के परमाणु हथियारों का अंदाजा उसके शस्त्र योग्य प्लूटोनियम के भंडार से लगाया जा सकता है। इसके आकलन का नतीजा 138 परमाणु हथियार का औसत है जिसका मलतब 110 से 175 परमाणु हथियार है।'
 
रिपोर्ट के अनुसार हथियारों की असल तादाद उससे कम होगी क्योंकि यह समझना विवेकपूर्ण होगा कि सिर्फ 70 प्रतिशत यूरेनियम परमाणु हथियारों में है। रिपोर्ट के लेखकों डेविड ऑलब्राइट और सेरेना केलेहर वरगांटिनी का अनुमान है कि भारत के पास 100-200 किलोग्राम हथियार बनाने योग्य यूरेनियम है। उनके अनुसार भारत के पास परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या 75 से 125 के बीच होगी। दिलचस्प है कि पहले ऑलब्राइट भारत अमेरिकी परमाणु समझौते के खिलाफ अमेरिकी संसद में अभियान चला चुके हैं
 
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। अपने अमेरिका दौरे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से बातचीत में स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने टैक्टिकल परमाणु हथियारों का विकास किया है और उन्हें युद्ध की स्थिति के लिए तैनात किया है।
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उधर भारत और नॉर्वे के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद नॉर्वे ने कहा है कि वह न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप और मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम के साथ साथ सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का समर्थन करता है। नॉर्वे के पास अपना परमाणु बिजली घर नहीं है लेकिन उसके पास चार परीक्षण बिजली घर हैं।
 
भारत अमेरिकी परमाणु समझौते के बाद से दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदारी के मुद्दे पर विवाद रहा है। छोटे सप्लायरों के लिए बड़ी राहत देते हुए भारत सरकार ने फैसला किया है कि परमाणु ऊर्जा उद्योग के छोटे सप्लायरों को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाएगा और लेकिन रिएक्टर बनाने वाली बड़ी कंपनियों को इस जिम्मेदारी से मुक्त नहीं किया जाएगा।
 
- एमजे/आरआर (पीटीआई)
 

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