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विवाह, तलाक और यौन संबंधों पर चर्चा

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, मंगलवार, 14 अक्टूबर 2014 (12:00 IST)
पोप फ्रांसिस के कैथोलिक गिरजे की कमान संभालने के बाद पहली बार बिशपों की महासभा हो रही है जिसमें विवाह और परिवार के बारे में कैथोलिक चर्च के रवैये पर चर्चा हो रही है।

पोप ने सिनोड में भाग ले रहे 200 बिशपों से खुलकर बोलने और ध्यान से सुनने की अपील की है। तलाक, गर्भपात, परिवार नियोजन और समलैंगिक विवाह के मामलों में कैथोलिक गिरजे में भारी विवाद है। 5 से 19 अक्टूबर तक हो रहे सिनोड के दौरान बिशप और चुनिंदा पादरी विवाह और परिवार पर जिंदगी की बदली हुई परिस्थितियों के बारे में विचार करेंगे और चर्च के सामने उपस्थित चुनौतियों का सामना करने के उपाय सुझाएंगे।

वैटिकन में नेतृत्व परिवर्तन के बाद कैथोलिक गिरजे की मौजूदा स्थिति को हकीकत में देखने का साहस दिखाना और ईमानदारी से विचार व्यक्त करने की मांग ने इस सम्मेलन को रोमांचक बना दिया है। पोप फ्रांसिस ने बिशपों से कहा है कि उन्हें अपने विचार व्यक्त करने में कोई डर नहीं होना चाहिए, पोप के अलग विचारों का भी डर नहीं। इस सिलसिले में जानकार 1962-1965 में हुए दूसरे वैटिकन काउंसिल की याद करते हैं। खुली बातचीत का साहस बाद के वर्षों में कमजोर पड़ता गया।

सिनोड व्यवस्था की स्थापना इस काउंसिल बैठक के बाद पोप और बिशपों के बीच नियमित विचार विमर्श की संस्था तैयार करने के लिए हुई थी। 1967 के बाद से अब तक 13 सामान्य और दो विशेष सिनोडो का आयोजन हुआ है। यह तीसरा सिनोड है जिसमें बिशप तो अपने मत व्यक्त कर ही रहे हैं, इसके अलावा वे मुस्लिम-कैथोलिक दम्पति के अनुभव भी जान रहे हैं। फ्रांस और ब्राजील के दम्पतियों ने सिनोड को गर्भनिरोध के अपने अनुभवों के बारे में बताया।

फैसलों की उम्मीद : भले ही सिनोड में फैसले नहीं लिए जाएं लेकिन इससे बहुत उम्मीदें हैं। जर्मन कार्डिनल राइनहार्ड मार्क्स कहते हैं, 'पिछले सालों का एक अहम मुद्दा गिरजे के जीवन में तलाक या दूसरी सिविल शादी के बाद आम धर्माबलंबियों की भागीदारी है।'

जर्मनी में इन मुद्दों पर गर्मागर्म बहस चल रही है। पोप ने विचार विमर्श के लिए दुनिया भर के बिशप सम्मेलनों के 114 अध्यक्षों को रोम बुलाया है। आम तौर पर वे इस तरह की बैठक के लिए नहीं मिलते। इसके अलावा सिनोड में वैटिकन के 15 दफ्तरों के प्रमुख भी हिस्सा ले रहे हैं। उनके अलावा कुछ अन्य बिशप और अवैतनिक पादरी भी शामिल हैं।

जर्मनी की ही तरह यूरोप के दूसरे देशों के बिशप भी सोचते हैं। अमेरिका में समलैंगिकों के साथ होने वाले बर्ताव का मुद्दा अहम है। अफ्रीका में कुछ जगहों पर यह आम बात है कि कैथोलिक पुरुष भी कई शादियां करते हैं। सिनोड में भाग लेने वाले बिशपों में तीन चौथाई से ज्यादा यूरोप के बाहर के हैं इसलिए बहस का रुख क्या होगा किसी को पता नहीं। क्योंकि आम लोगों की हकीकत गिरजे की कठोर सेक्स नैतिकता और यौन व्यवहार से एकदम अलग है।

क्षेत्रीय समाधान : बहुत से लोगों की उम्मीद है कि रोम अलग अलग प्रकार के विकासों को स्वीकार करेगा। कैथोलिक गिरजे में इसकी मिसालें हैं। पूर्वी इलाके के गिरजों को विवाहित पादरियों का अनुभव है, जबकि यूरोप में कैथोलिक पादरियों के विवाह की परंपरा नहीं है। उनसे ब्रहचर्य के पालन की मांग की जाती है। काउंसिल की बैठक के बाद यूरोप के कुछ देशों में विवाहित पुरुष पादरी हैं लेकिन लैटिन अमेरिका में ऐसा नहीं है। मौजूदा सम्मेलन में परिवार और विवाह के मुद्दों पर ऐसी नीति ढूंढने की कोशिश होगी जो अगले सिनोड तक वैध रह सके। मसलन क्या अलग अलग इलाकों में परंपरा के अनुरूप अलग अलग नीतियां संभव हैं।

कार्डिनाल मार्क्स का कहना है कि यह कहना गलत होगा कि विवाह और परिवार की कभी आदर्श हकीकत रही है। उन्होंने कहा कि गिरजे को परिवार के बारे में यीशु के संदेश को आज के लोगों के साथ मिलकर नए तरीके से तैयार करना चाहिए और ईसाई शिक्षा पर नई निगाह डालनी चाहिए।

- एमजे/एएम (डीपीए, डीडब्ल्यू)

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