Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ईरान : विरोध प्रदर्शनों के बीच नैतिकता पुलिस भंग

हमें फॉलो करें ईरान : विरोध प्रदर्शनों के बीच नैतिकता पुलिस भंग

DW

, सोमवार, 5 दिसंबर 2022 (17:04 IST)
ईरान में महिलाओं को ड्रेस कोड का पालन कराने वाली नैतिकता पुलिस को भंग कर दिया गया है। महसा अमीनी की मौत के बाद देशभर में इसके खिलाफ विरोध हो रहे थे। ईरान में पिछले दो महीने से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने क्रूर नैतिकता पुलिस को भंग करने का ऐलान किया है।

ईरान के समाचार चैनल ने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी के हवाले से रविवार को कहा कि नैतिकता पुलिस को समाप्त कर दिया जाएगा। ईरानी समाचार एजेंसी आईएसएनए के अनुसार, नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है और इसलिए इसे भंग कर दिया गया है।

हालांकि यह साफ नहीं है कि इस पुलिस बल की स्थापना एक बार फिर किसी अन्य उद्देश्य या नाम से की जाएगी या नहीं। सरकारी समाचार एजेंसियों के अनुसार, नैतिकता अपराधों के लिए मृत्युदंड और अभियोजन जारी रहेगा। मोंटाजेरी ने कहा, बेशक, नैतिकता अपराधों के लिए कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी।

यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ लेक्चरर कामरान मतीन ने डीडब्ल्यू को बताया कि अटॉर्नी जनरल की घोषणा को सावधानी से देखा जाना चाहिए। मतीन ने स्पष्ट किया कि ईरान की नैतिक पुलिस न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं है, बल्कि तथाकथित कानून प्रवर्तन बलों या पुलिस बल द्वारा चलाई जाती है। उन्होंने कहा, इस तरह की घोषणा वास्तव में उस संस्था द्वारा की जानी चाहिए और यह अभी तक नहीं हुआ है।

दबाव में तेहरान सरकार
ईरान के सख्त हिजाब कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के आरोप में नैतिकता पुलिस ने युवा कुर्द महिला महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद 22 वर्षीय महसा अमीनी की तेहरान में पिछले महीने पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी, लेकिन अमीनी के परिवार का कहना है कि मौत पुलिस की पिटाई के कारण हुई।

ईरान में सोशल मीडिया बना प्रदर्शनकारियों का हथियार
इसके बाद से, देश में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला नहीं थम रहा है। दुनियाभर में ईरानी महिलाओं को समर्थन मिल रहा है। देश में और देश के बाहर महिलाओं ने विरोध जताते हुए अपने हिजाब जला दिए या अपने बाल काट डाले।

वहीं हिंसा रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। पुलिस की बर्बरता के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर वायरल हो गए हैं। दरअसल, इंस्टाग्राम ईरान में काफी ज्यादा लोकप्रिय है, क्योंकि सिर्फ यही एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो सार्वजनिक तौर पर आसानी से उपलब्ध था। हालांकि अब इस पर नए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।

सरकार के आलोचकों ने इस घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आलोचकों के अनुसार समस्या नैतिक पुलिस के साथ नहीं बल्कि अनिवार्य हेडस्कार्फ कानून के साथ है। एक दिन पहले मोंटेजेरी ने भी कहा था कि ईरानी संसद और न्यायपालिका हिजाब कानून की समीक्षा कर रही हैं और जनता को अगले कुछ दिनों में परिणामों के बारे में सूचित कर दिया जाएगा।

ईरान में पिछले कई हफ्तों से हिजाब कानून और नैतिकता पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। तथाकथित नैतिकता पुलिस ईरान की पुलिस बल की एक इकाई है, जिसे इस्लामी ड्रेस कोड और जनता के बीच अन्य सामाजिक व्यवहार के संबंध में कानूनों को लागू करने का काम सौंपा गया है। रूढ़िवादी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के सत्ता में आने के बाद बल ने 2006 में सड़कों पर गश्त शुरू की। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
- एए/सीके (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लालू यादव की सिंगापुर में सर्जरी : किडनी ट्रांसप्लांट कैसे होती है, क्या हैं नियम और शर्तें?