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शराब की हकीकत: 7 बातें

हमें फॉलो करें शराब की हकीकत: 7 बातें
, गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015 (11:50 IST)
ऐसी रिसर्चों और दलीलों की कोई कमी नहीं है जिनमें कम मात्रा में शराब के सेवन को सेहत के लिए अच्छा और कई बार लंबी उम्र का कारण भी बताया गया है। एक नया सर्वे कई लोगों को भाने वाली इस मान्यता को खारिज कर रहा है।

*ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी रिपोर्ट बताती है कि शराब के फायदों के बारे में पहले कई दावे बढ़ाचढ़ा कर किए गए थे। ज्यादा शराब पीने का 200 से भी अधिक बीमारियों से संबंध है। रोज केवल एक या दो ड्रिंक लेने वालों को होने वाले फायदे की रिपोर्टों पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उन स्टडीज में कम शराब पीने वालों की तुलना ज्यादा पीने वालों से की गई थी, ना कि शराब बिल्कुल ना पीने वालों से।

*विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल होने वाली कुल मौतों में से करीब 6 फीसदी का कारण शराब है। रूस और बेलारूस जैसे पूर्वी यूरोपीय देश शराब की खपत के मामले में दुनिया के टॉप पांच देशों में हैं। बेलारूस का एक नागरिक औसतन साल में 17.5 लीटर शुद्ध एल्कोहल पी जाता है जबकि रूस में ये औसत करीब 15.1 लीटर पाया गया।

*जर्मनी को बीयर प्रेमी देश माना जाता है। यहां साल में प्रति व्यक्ति औसतन 11.8 लीटर शराब पी जाती है, जबकि ब्रिटेन का औसत 11.6 लीटर है। उत्तरी अमेरिका और एशिया के मुकाबले यूरोपीय देश बहुत आगे हैं।

*माना जाता है कि एशिया में खपत कम होने का एक कारण ये भी हो सकता है कि कुछ एशियाई समुदायों में एल्कोहल को पचाने में मदद करने वाले एंजाइम ही नहीं होते।

*महिलाओं के शरीर में पुरुषों के मुकाबले बॉडी वॉटर कम होता है जिसके कारण एल्कोहल पूरे शरीर में ज्यादा आसानी से फैल जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि महिलाओं में पानी से ज्यादा वसा का भार होता है इसलिए उनमें एल्कोहल कम जगह में ज्यादा सान्द्रता में पाया जाता है।

*चीन और भारत जैसे विकासशील देशों में शराब की खपत लगातार बढ़ रही है। बढ़ते मध्यवर्ग के लोग अब महंगी विदेशी शराब भी काफी खरीदने लगे हैं, जैसे जर्मन बीयर या फ्रेंच वाइन।

*उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई देशों में लोग काफी कम शराब पीते हैं। पाकिस्तान, कुवैत और लीबिया जैसे देशों में साल की औसत खपत मात्र 0.1 लीटर के आसपास है।

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