कृष्ण मोहन मिश्र
मित्रों, अभी-अभी एक धाँसू खबर पढ़ी है। पढ़ते ही कान में हवाई जहाज की आवाज गूँजने लगी। खबर इतनी ज्यादा किफायती है कि आप भी बैंक की पासबुक खोजने लगेंगे। अभी सुबह का अखबार बाँच रहा था। एक खबर थी कि अब कार की कीमत में मिलेंगे विमान। खबर पढ़ते ही मुझे अपनी टुटही साइकल का ध्यान आया जो कि मेरे स्व. दादाजी की है।
उस ऐतिहासिक साइकल पर चढ़कर मैं रोज सुबह पप्पू को स्कूल छोड़ने जाता हूँ और वापस लौटते वक्त दूध का पैकेट पॉलिथीन मैं लटकाकर घर वापस आता हूँ। मेरी यह हार्दिक इच्छा है, सच्ची, यह हवाई जहाज वाली खबर पढ़ने के बाद तो हार्दिक महत्वाकांक्षा है कि राष्ट्रीय संग्रहालय मेरी खानदानी साइकिल को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर दे और बदले में मुझको 5-10 लाख रुपए मुआवजा दे दे।
क्योंकि वह साइकल पप्पू को स्कूल छोड़ने के अलावा मुझे दफ्तर ले जाती है, शाम को सब्जी ढोती है, उसके जर्जर हो चुके करियर पर बिठाकर मैं अपनी फैमिली को पिक्चर दिखाने भी ले जाता हूँ। सो एक तरह से वह हमारी मर्सडीज है। अब मर्सडीज तो 25 लाख के ऊपर आती है पर मैं सरकार से सिर्फ 10 लाख की ही इच्छा रखता हूँ।
सरकार इस पर जल्दी गौर करे क्योंकि अभी वह जहाज 5 लाख के अंदर आ जाएगा। बाकी 5 लाख का मैं पेट्रोल भरवा लूँगा। अगर जहाज की कीमत इस बीच बढ़ गई तो फिर मेरे मुआवजे की राशि भी बढ़ जाएगी।
मित्रों अब पूरी खबर भी पढ़ लीजिए क्योंकि ऐसा सस्ता, हल्का, मजबूत और टिकाऊ जहाज तो आप भी खरीदना चाहेंगे। विदेश के कुछ वैज्ञानिक ये सस्ता टू सीटर विमान बना रहे हैं (भैया मेरे पप्पू के लिए भी एक छोटी सी सीट लगा देना वर्ना वो बेचारा स्कूल कैसे जाएगा।) इस विमान की कीमत करीब 7500 डॉलर पड़ेगी यानी करीब तीन लाख रुपए।
भारत में बेचेंगे तो हो सकता है थोड़ा महँगा बेचें सो आप पाँच लाख का इंतजाम करके रखो। ये जहाज फाइबर और ड्यूरालोमिनियम से बनेगा। भैया इसे एल्यूमीनियम से बनाओ या ड्यूरालोमिनियम से, उड़ना चाहिए बस। इस हवाई जहाज के लिए छोटी सी हवाई पट्टी की जरूरत पड़ती है।
सो इसके लिए मेरे घर की छत से काम चल जाएगा। मकान मालिक थोड़ा बड़बड़ाएगा तो एकाध बार उसको भी उड़वा देंगे। छत पर एक छोटी सी फूस की मड़ई है। अपना पुष्पक विमान वहीं पर रात को विश्राम करेगा। चलो इसी बहाने पेट्रोल पंप का भी मुँह देख लेंगे क्योंकि अपनी साइकल में तो सिर्फ बरसात बाद ही ऑइलिंग-ग्रीसिंग होती है।
मित्रों, इस विमान में सुरक्षा के भी बेहतरीन इंतजाम हैं। अब जैसे आपका उड़ते वक्त तेल खत्म हो जाए तो जहाज सटाक से जमीन की तरफ लपकेगा। आप सोचोगे कि इस पुष्पक विमान के साथ-साथ आप भी रामजी को प्यारे होने वाले हो पर ऐसी हालत में बिलकुल न डरें। दिल को कड़ा करें।
जान है तो जहान है। जहाज का बीमा आपने जहाज खरीदते वक्त ही करवा लिया था और नीचे जमीन पर रहने वालों को बचाने से ज्यादा जरूरी है कि आप अपने आपको बचाएँ। यह पानी का जहाज नहीं है कि जहाज के साथ-साथ कप्तान भी डूब मरे। यह हवाई जहाज है।
अब ज्यादा सोचने का टेम नहीं है पागल। सीट के नीचे पैराशूट है जिसका पैसा कंपनी वाले आपसे पहले ही वसूल चुके हैं। पीठ में बाँधकर कूद पड़ क्योंकि पतंगें अब नजदीक आ गई हैं।
इस जहाज को लेकर और सब तो खुश हैं पर हवाई प्रशासन परेशान है। कोई आदमी दारू पीकर न विमान उड़ाए इसके लिए भी व्यवस्था करनी पड़ेगी। ये खतरनाक बात है, क्योंकि दारू पीकर चलाने वाले एक्सीडेंट ज्यादा करते हैं। तो ऊ लोग किसी की भी खोपड़ी पर जहाज गिरा सकते हैं। दुर्घटना होने का डर है।
मेरा कंपनी वालों को एक सुझाव है। वो जहाज के अंदर हैंडिल के पास एक मशीन लगा दें जो कि पायलट की नाक सूँघ कर ही जहाज स्टार्ट करने दे। जहाज का कम्प्यूटर घुसते ही चेतावनी दे दे कि नशापत्ती करने वाले, पान बीड़ी, सिगरेट, दारू, चरस, गाँजा पीने वाले नशा उतरने के बाद ही जहाज पर चढ़ें। नहीं तो मरें।
मित्रों यह जहाज एक साल बाद बनकर तैयार होगा सो अभी सरकार के पास काफी टाइम है मेरी ऐतिहासिक साइकल खरीदने के लिए, पर ज्यादा देर न करें। जरूरी हो तो केबिनेट की मीटिंग भी बुलवा लें। एक साल अभी बाकी है और बरसात भी आ गई है सो सालाना सर्विसिंग भी करवा लेता हूँ। आप लोग भी सेविंग एकाउंट खोल लो। 5 लाख इकट्ठे करने हैं। मैं चलता हूँ। पप्पू के स्कूल का टाइम हो गया है और वह बस्ता लेकर मेरे सामने खड़ा है। -