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लोकसभा चुनाव 2019 : बिहार की भागलपुर सीट पर 'मंडल' का सांसद बनना तय

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, सोमवार, 15 अप्रैल 2019 (17:25 IST)
पटना। लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव में बिहार की भागलपुर सीट पर मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के शैलेष कुमार उर्फ बूलो मंडल तथा जदयू के अजय मंडल के बीच है। इस सीट का एक जमाने में प्रतिनिधित्व कर चुकीं कांग्रेस और भाजपा इस चुनाव में सहयोगी दल की भूमिका में हैं। हालांकि किसी भी गठबंधन की जीत में इन दोनों दलों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
 
भागलपुर को बिहार की सिल्क सिटी के रूप में जाना जाता है। इसमें 6 विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें 16 प्रखंड और 1,515 गांव हैं। यहां कुल मतदाता 18,19,243 हैं जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,62,352 और महिला मतदाताओं की संख्या 8,56,824 है।
 
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सैयद शाहनवाज हुसैन करीब 9 हजार मतों के अंतर से राजद के बूलो मंडल से हार गए थे। जदयू ने इस बार नाथनगर के अपने विधायक अजय मंडल को टिकट दिया है। इस तरह भागलपुर में लोकसभा चुनाव के दौरान 'मंडल फैक्टर' मुख्य हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले भागलपुर में एक चुनावी रैली की थी।
 
बूलो मंडल ने बातचीत में कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें जनविरोधी हैं। मोदी सरकार ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जनता से जो भी वादे किए थे, वे सब जुमले साबित हुए, जैसे प्रत्येक वर्ष 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने, विदेशों से कालाधन वापस लाकर प्रत्येक परिवार के बैंक खाते में 15-15 लाख रुपए जमा कराने और महंगाई कम करने जैसे प्रमुख वादे पूरे नहीं किए गए।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों की बात करने वाले लालू यादव को षड्यंत्र के तहत जेल में बंद किया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पांडे ने कहा कि राजग गठबंधन एक इकाई के रूप में काम कर रहा है, सभी एकजुट हैं और नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।
 
वर्ष 1952 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर सीट, पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के तहत थी। 1975 में आपातकाल से पहले इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा था। इस सीट पर 1957, 1962, 1967 और 1971 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में समीकरण बदल गए। भारतीय लोकदल के उम्मीदवार डॉ. रामजी सिंह ने कांग्रेस के भागवत झा आजाद को हरा दिया था। आपातकाल के बाद कांग्रेस इस सीट पर सिर्फ 2 बार जीत सकी।
 
1998 में हुए चुनाव में भागलपुर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की। वर्ष 1999 में हुए आम चुनाव में भाजपा चुनाव हार गई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री भागवत झा आजाद भागलपुर सीट से 5 बार सांसद चुने गए। भागलपुर को 'चंपानगर' और उससे पूर्व 'चंपा' के नाम से जाना जाता था। यह शहर अंग प्रदेश की राजधानी भी थी। बौद्ध साहित्य के अनुसार पूर्व का चंपा एक बहुत ही खूबसूरत नगर था, जहां बुद्ध भी अपनी यात्रा के दौरान आए थे। (भाषा)

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