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बिजली की नई दरें जुलाई में तय होंगी

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भोपाल , मंगलवार, 7 अप्रैल 2009 (10:47 IST)
लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के कारण बिजली की नई दरें इस बार अप्रैल से लागू नहीं हो सकी हैं। अब नई दरें जुलाई प्रारंभ में ही लागू हो पाएँगी, क्योंकि आचार संहिता खत्म होने के बाद भी सुनवाई और अन्य कानूनी प्रक्रिया में एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा।

प्रदेश में लोकसभा चुनावों के कारण इस बार आम आदमी को बिजली के बढ़ते बोझ से कुछ महीनों की राहत मिल गई है। हर साल एक अप्रैल से लागू होने वाली बिजली की दरें लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के कारण अभी तय नहीं हो सकी हैं। मप्र ऊर्जा नियामक आयोग ने निर्वाचन आयोग से नई दरों के लिए मंजूरी माँगी थी, किंतु मंजूरी नहीं मिल सकी। इसके चलते चुनाव बाद ही नई दरें तय हो सकेंगी।

सूत्र बताते हैं कि इस स्थिति में अब नई दरें जुलाई प्रारंभ तक ही लागू हो पाएँगी। कारण कि आचार संहिता खत्म होने के बाद भी कम से कम एक से डेढ़ महीना नई दरें तय करने में लगना है। इसमें कम से कम तीन हफ्ते सुनवाई के लिए लगते हैं, बाकी दो हफ्ते दरों को निर्धारित कर घोषित करने में निकल जाते हैं। लोकसभा चुनावों की आचार संहिता परिणाम आने पर मई मध्य में समाप्त होगी। इस स्थिति में जुलाई तक ही नई दरें तय हो पाएँगी।

राज्य ऊर्जा नियामक आयोग के सचिव अशोक शर्मा ने कहा कि नई दरें जब से लागू होंगी, उसी दिन से ही नया शुल्क देना होगा। अभी तय नहीं कि कब तक नई दरें लागू हो सकेंगी। हम तय समयावधि में दरें लागू कर देंगे।

सवा रु. बोझ बढ़ेगा!
नई दरों में आम उपभोक्ता पर ५१ पैसे से सवा रुपए प्रति यूनिट तक बोझ बढ़ना लगभग तय है, इस कारण उसको करीब चार महीने तक बिजली के बढ़ने वाले बोझ से राहत मिली है। ऊर्जा नियामक आयोग को पुरानी दर की अवधि खत्म होने के 120 दिन में नई दरें तय करना होती हैं। इसके चलते जुलाई तक का समय आयोग के पास है।-नईदुनिया

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