मध्यप्रदेश की शिवराजसिंह चौहान सरकार के जनकल्याणकारी कार्यों के नाम पर विधानसभा चुनाव में वोट माँगने वाली भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक विजय के मुख्य सूत्रधार चौहान एक मजबूत और स्थापित नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मतदाताओं की चुप्पी के बाद सामने आये परिणामों के विश्लेषण से साफ होता है कि राज्य की जनता ने 'शिव के राज' पर मोहर लगाते हुए भाजपा को सिर्फ और सिर्फ राज्य के विकास पर ही ध्यान देने का जनादेश दिया है।
विश्लेषकों के मुताबिक चौहान की ऐतिहासिक उपलब्धि के कारण अब केंद्रीय नेतृत्व को भी स्वाभाविक तौर पर उनसे काफी अपेक्षायें रहेंगी। अब माना जा रहा है कि यहाँ भी गुजरात की तरह विकास को प्राथमिकता दी जाएगी और इसके जरिये ही अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ पाँच वर्ष बाद फिर से पार्टी को सत्ता में लाने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पार्टी की जीत के बाद स्वयं भी कहा कि मतदाताओं ने विकास कार्यों के आधार पर भाजपा को वोट दिए। पाँच वर्ष पहले हुए चुनाव में लोगों का तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रति रोष था और तब नकारात्मक वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार सकारात्मक वोटों की वजह से भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है।