मध्यप्रदेश की सियासत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदेश के महाकोशल अंचल के जबलपुर संभाग में इस बार विधानसभा चुनाव के परिणामों से भाजपा को झटका लगा है।
संभाग में कांग्रेस ने अपनी पिछली स्थिति में सुधार करते हुए 11 सीटों का इजाफा करते हुए 16 सीटें जीती हैं तो भाजपा को 14 सीटों का नुकसान होने से उसने 22 सीटें ही हासिल कीं।
परिसीमन के बाद संभाग में कुल सीटों की संख्या 45 से घटकर 38 रह गई है। 2003 के विधानसभा चुनाव में संभाग में कुल 45 सीटें थीं, जिसमें से भाजपा ने 36 और कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थीं, लेकिन परिसीमन में जबलपुर जिले में एक, बालाघाट में तीन, डिंडोरी में एक और सिवनी में दो सीटें विलोपित होने से कुल 7 सीटें कम हो गईं।
पिछले चुनाव में तीन सीटें जीतकर तीसरी शक्ति के रूप में उभरी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का इस बार सूपड़ा साफ होने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी तथा समाजवादी पार्टी को भी मतदाताओं ने नकार दिया। वर्ष 2003 के चुनाव में जद (यू) एवं सपा ने संभाग में एक-एक सीट जीती थीं।
इस चुनाव में भाजपा को कटनी जिले में 2, जबलपुर जिले में 7, मंडला में 2, बालाघाट में 4, सिवनी में 3 और छिंदवाड़ा में 4 सीटें मिली हैं, वहीं कांग्रेस ने कटनी जिले में 2, जबलपुर में 1, डिंडोरी में 2, मंडला में 1, बालाघाट में 2, सिवनी में 1, नरसिंहपुर में 4 तथा छिंदवाड़ा में 3 सीटें जीती हैं।
संभाग के नरसिंहपुर एवं डिंडोरी जिले में भाजपा को करारा झटका लगा है। दोनों जिलों की कुल 6 सीटों में से भाजपा 1 भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई जबकि गत चुनाव में भाजपा ने इन दोनों जिले की सभी तथा मंडला जिले की भी तीनों सीटों पर कब्जा किया था।
गत चुनाव में छिंदवाड़ा जिले की 7 में से 6, जबलपुर जिले की 9 में से 8, बालाघाट जिले की 9 में से 6, सिवनी जिले की 6 में से 4 तथा कटनी जिले की 4 में से 2 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
वहीं कांग्रेस पार्टी को कटनी की एक, जबलपुर की एक, बालाघाट की दो एवं सिवनी जिले की एक सीट पर जीत मिली थी जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को छिंदवाड़ा, बालाघाट एवं सिवनी की एक-एक सीट पर तथा जनता दल (यूनाइटेड) को कटनी की एक सीट जीतने में सफलता मिली थी।