भारतीय जनशक्ति (भाजश) की नेता उमा भारती ने मध्यप्रदेश में जन आकांक्षाओं को पूरा करने में अपनी असफलता को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा के धन और बल के कारण पीछे रह गई।
भारती ने राज्य विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार कहा कि वे इस पराजय से हताश और निराश नहीं हैं बल्कि उन्होंने इससे एक सबक लिया है।
टीकमगढ़ से अपनी हार के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारती ने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र से तिकड़म करके चुनाव जीता गया है। क्षेत्र में आतंक और भय के कारण ज्यादा मतदाता मतदान करने नहीं निकले और कम से कम 32 मतदान केंद्र लूटे गए।
उन्होंने पराजय के कारण राजनीतिक जीवन समाप्त होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हारने को तो अटलबिहारी वाजपेयी और इंदिरा गाँधी भी हारी थीं और बाद में दोनों ही अपने अपने समय में प्रधानमंत्री बने।
उन्होंने कहा कि मैंने इन नेताओं से सबक लिया है। मैं लोकसभा का चुनाव लडूँगी और इस संबंध में आठ दस दिन के अंदर पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा करँगी।