Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ग्राउंड रिपोर्ट: श्योपुर में शहर से लेकर गांवों तक बाढ़ की तबाही का मंजर, पीड़ितों को अब सरकारी मदद ही आखिरी सहारा

हमें फॉलो करें ग्राउंड रिपोर्ट: श्योपुर में शहर से लेकर गांवों तक बाढ़ की तबाही का मंजर, पीड़ितों को अब सरकारी मदद ही आखिरी सहारा
webdunia

विकास सिंह

, बुधवार, 11 अगस्त 2021 (11:55 IST)
मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में आई भीषण बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला श्योपुर में बाढ़ का पानी अब उतरने लगा है लेकिन बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही चारों ओर बाढ़ से हुई बर्बादी के निशां दिखाई देने लगे है। बाढ़ का पानी जैसे-जैसे उतर रहा है वैसे-वैसे बर्बाद का आलम चारों ओर नजर आ रहा है। श्योपुर में शहर से लेकर गांवों तक चारों ओर बाढ़ की तबाही के मंजर दिखाई दे रहे है। 

स्थानीय लोग बाढ़ की भयावहता को याद कर अब भी सिहर उठते है। लोगों के मुताबिक उन्होंने अपने जीवन में इतनी भीषण बाढ़ पहले कभी नहीं देखी। बाढ़ कितनी भयानक थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बाढ़ का पानी श्योपुर शहर में बने घर पहली मंजिल तक डूब गए थे। पानी लोगों के घरों में घुसने के साथ-साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय तक भर गया था। शहर के निचले इलाके अब भी पानी में डूबे हुए है वहीं कई गांव अब भी पानी से घिरे हुए है।
webdunia
वहीं दूसरी ओर ओर श्योपुर में बाढ़ की विभीषका के साथ ही लोगों को प्रशासन की संवेदनहीनता भी झेलने को मजबूर होना पड़ा है। बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोग अभी भी राहत की बाट जोह रहे हैं। बाढ़ को आए एक सप्ताह गुजर गए है लेकिन बाढ़ प्रभावितों के पास अब तक सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है। अभी सर्वे का काम चल रहा है,जिसके आधार पर ही बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा।
 
बाढ़ पीड़ित सैकड़ों लोग सड़क किनारे खुले में रहने को मजबूर है। बाढ़ पीड़ितों के मुताबिक उनके पास जीवन जीने का संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ ने उनका सबकुछ छीन लिया है और वह अब दाने-दाने को मोहताज हो गए है। लोगों को अब भी सरकारी मदद का इंतजार है, ताकि वह अपनी जिंदगी को फिर से शुरू कर सकें। 
webdunia

वहीं अब बाढ़ का पानी उतरने के बाद गंदगी का अंबार लगा हुआ है जिससे की बीमारी फैलने का खतरा हो गया है। मवेशियों के मरने से भी इलाके में बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है। गांवों की बात तो दूर शहर के कई इलाकों बाढ़ का पानी उतरने के बाद बड़े पैमाने पर गंदगी फैली हुई है। बाढ़ के पानी में सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो गई है।

बाढ़ पीड़ितों के प्रति प्रशासन की उदासीनता का खमियाजा पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी झेलना पड़ा, जब वह बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर पहुंचे तो बाढ़ पीड़ित उनकी गाड़ी के सामने लेटने के साथ उनकी गाड़ी पर कीचड़ फेंक दिया है। केंद्रीय मंत्री के साथ हुई इस घटना के बाद सरकार ने आनन-फानन में कलेक्टर, एसपी सहित पूरे प्रशासनिक अमले को तत्काल जिले से रुखसत कर दिया।   
 
वहीं श्योपुर में बाढ़ पीड़ितों का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में गूंजा। श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने कहा कि बाढ़ ने लोगों का सब कुछ बर्बाद कर दिया है और उनके पास पहनने के कपड़े भी नहीं बचे है। कांग्रेस विधायक ने बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत की मांग करते हुए विधानसभा परिसर में मीडिया के सामने अपना कुर्ता फाड़ दिया। 
webdunia
श्योपुर में बाढ़ पीड़ितों की मदद को लेकर प्रभारी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा कहते हैं कि सरकार बाढ़ प्रभावितों की पूरी ताकत से मदद करने में जुटी हुई है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बाढ़ पीड़ितों के राहत-पुर्नवास कार्यों की मॉनिटिरिंग कर रहे है। उन्होंने खुद श्योपुर का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लेने के साथ अफसरों को कोई बाढ़ पीड़ितों की मदद में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए है।   

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

UP में अब हर शनिवार को corona का केवल दूसरा डोज ही, स्लॉट बुक करवाने वालों को ही मिलेगी प्राथमिकता