Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

झाबुआ में बंद पर बवाल, कलेक्टर के बचाव में उतरे लोग

हमें फॉलो करें झाबुआ में बंद पर बवाल, कलेक्टर के बचाव में उतरे लोग
, मंगलवार, 14 अप्रैल 2015 (19:47 IST)
-संजय जैन, झाबुआ से

हाल ही में नगर के व्यापारियों द्वारा बंद किए जाने के आह्वान के बाद गत शुक्रवार को नगर के व्यापारियों ने दुकानें तो बंद रखी थीं, लेकिन बाद में व्यापारी इस बंद के विरुद्ध नजर आए। नगर में जब वेबदुनिया टीम ने भ्रमण किया और व्यापारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि सकल व्यापारी संघ झाबुआ द्वारा किए गए शहर बंद को व्यापारियों ने संघ से जुड़े होने के कारण मजबूरी में समर्थन दिया था।
 
व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कलेक्टर बी. चंद्रशेखर द्वारा नगर के सौंदर्य के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं वह तारीफ के काबिल हैं। वहीं उनका कहना था कि व्यापारियों को दुकानें अपनी हद तक ही लगाना चाहिए, इससे राहगीरों को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं और शहर के मुख्य बाजार होने के कारण मार्ग दिन भर अवरुद्ध रहते हैं, लेकिन हमें तो संगठन में बैठे चार-पांच पदाधिकारियों की बात मानने के कारण यह आंदोलन करना पड़ा था। व्यापारियों का कहना था कि नगर के मुख्य मार्ग में साइबानों के साथ दुकान का सामान फैलाना एक तरह से गलत है। 
 
व्यापारियों का एक स्वर में यही कहना था कि कलेक्टर की कार्यशैली पर हम किसी को भी आपत्ति नहीं है। वे तो सिर्फ संघ से जुड़े हैं, इसलिए अपने प्रतिष्ठान बंद किए थे। यह तो हमारे संग़ठन के चार-पांच सदस्यों, पदाधिकारियों और संघ के सदस्य के रिश्तेदार पर कलेक्टर ने गत महीने उनके द्वारा की जा रही अनियमिताओं पर नकेल कस रखी थी। यह बंद उसी बात का परिणाम है, उपरोक्त सदस्यों ने अपने स्वार्थ को साधने हेतु संघ के बैनर तले प्रशासन पर दबाव बनाने का षड्‍यंत्र रचा था, जो निरथर्क ही था।
webdunia
अधिकतर व्यापारियों ने तो यह भी कहा कि व्यापारी संघ को तो कलेक्टर का सम्मान करना था, जिससे अधिकारी का होसला भी बढ़ता और प्रशासन को झाबुआ की जनता को नागरिक बोध है, इसका अहसास भी हो जाता। व्यापारियों का कहना था कि हमारे परिवार वाले भी इस बंद पर हमारी निंदा कर रहे हैं। हमें कुछ लोगों के स्वार्थ के चलते अपनी नजरों के साथ परिवार की नजरों में भी शर्मिंदा होना पड़ा है। 
 
क्या कहते हैं आमजन : इस संबंध में जब आमजन से चर्चा की गई तो उन्होंने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि से यह बंद सरासर गलत ही था। काफी समय बाद अच्छा कलेक्टर झाबुआ को मिला है। हम आमजन कलेक्टर को भरोसा दिलाते हैं कि आगे भविष्य में यदि उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्य के बीच कोई आएगा हम उसका सड़क पर उतरकर कठोर विरोध करेंगे। 
 
webdunia
हालांकि अभिभाषक संघ के सदस्यों ने इस बारे में कहा कि सच कहने में क्या डरना। जनता और व्यापारी क्यों अपना नाम छुपाने चाहते हैं। अभिभाषक प्रतीक मेहता का कहना है कि व्यापारी यानी एक बुद्धिजीवी वर्ग होता है यदि उन्हें प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर आपत्ति थी तो इसकी बैठक कर चर्चा करना था, न कि ऐसा निरर्थक बंद रखना था। यदि व्यापारी ही नागरिक बोध नहीं रखेगा तो हमारे झाबुआ का विकास कैसे होगा, जो चिंता का विषय है।
 
webdunia
अभिभाषक हेमेन्द्र प्रसाद अग्निहोत्री, अशोक राठौर, योगेश जोशी, मुकेश बैरागी का कहना है कि जब हमने व्यापारी संघ के बंद के बारे में सुना तो हम से रहा नहीं गया और हमारे संघ ने इस बंद का विरोध एसडी एम. अम्बाराम पाटीदार को ज्ञापन देकर जताया। अभिभाषकों ने कहा कि जब दुकानों के आगे से अतिक्रमण हटे तब तो व्यापारी खुश थे और ज्यों ही इस मुहीम की गाज कुछ दबंग व्यापारियों पर गिरी तो निकल आए सड़क पर विरोध करने।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi