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चाणक्य कहते हैं युवाओं को दूर रहना चाहिए इन 5 तरह की बातों से

हमें फॉलो करें चाणक्य कहते हैं युवाओं को दूर रहना चाहिए इन 5 तरह की बातों से
, शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022 (19:21 IST)
Chanakya Niti : चाणक्य के अनुसार युवा उम्र जिंदगी, परिवार, समाज और देश को संवारने की उम्र होती है और यही उम्र भटकाव की भी होती है। ऐसे में युवाओं को मुख्यत: 5 बातों से हमेशा दूर रहना चाहिए अन्यथा जिंदगी जहर के समान बन जाती है।
 
 
1. नशा : इस देश में सबसे ज्यादा अपराध शराब पीने वालों ने ही किए हैं। शराबी कई तरह के होते हैं- देवदास, औघड़, शौकिया, लती, अपराधी, राजसी आदि। आपके बहुत से दोस्त होंगे जो शराब, शबाब या कबाब के दीवाने होंगे। शराबी व्यक्ति के साथ रहकर आप कभी भी किसी ऐसी घटना-चक्र में फंस सकते हैं जिससे बाहर निकलने में आपकी जिंदगी के कई वर्ष और रुपए खर्च हो जाएंगे। आपके लिए आपका परिवार, समय और रुपया कोई अहमियत नहीं रखता है, तो आप पीते रहें शराब! चाणक्य कहते हैं कि नशा चाहे किसी भी चीज का हो यह युवाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बर्बाद कर सकता है। नशे की लत युवाओं को गलत काम करने को मजबूर कर देती है। और वे अपने साथ अपने संबंधियों को भी मुश्किल में डाल देते हैं। चाणक्य कहते हैं कि इनसे दूर रहें। 
 
2. बुरी संगत : जो मित्र आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करता हो और पीठ पीछे आपके कार्य को बिगाड़ देता हो, उसे त्याग देने में ही भलाई है। चाणक्य कहते हैं कि वह मित्र उस बर्तन के समान है, जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा है परंतु अंदर विष भरा हुआ होता है। चाणक्य कहते हैं कि संगत आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जहां अच्छे लोगों का साथ आपको सफलता के मार्ग पर ले जा सकता है, वहीं बुरे लोगों के बीच में बैठना आपके जीवन को कष्टों से भर सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी संगत सोच-समझकर चुननी चाहिए।
 
3. आलस्य करना : चाणक्य के अनुसार आलस्य व्यक्ति की उन्नति में बाधक है। किसी भी कार्य के प्रति आलस्य दिखाने से समय तो बर्बाद होगा ही आपकी सफलता में रुकावट भी आ जाएगी। युवाओं को आलस्य का त्याग करके हर काम सक्रिय रहते हुए अनुशासन के सात करना चाहिए, ताकि आलस्य जैसा शत्रु उनकी उन्नति में बाधा न बने।
 
4. कामांधता : युवाओं को काम की भावना से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह प्रगति में बाधक ही नहीं जीवन बर्बाद करने की क्षमता भी रखती है। यह जीवन पर नकारात्मक असर डालती हैं और इससे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य भी खराब हो जाता है। इसी‍लिए युवाओं को अच्छे विचारों के साथ रहकर जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए। 
 
5. असावधानी : जोश में होश खो देने के कारण कई बार नुकसान उठाना पड़ता है। किसी भी कार्य को करने में लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। कई बार लापरवाही जीवन में बहुत भारी पड़ जाती। जिसका खामियाजा उन्हें बाद में उठाना पड़ता है। चाणक्य के अनुसार, कोई भी काम करने से पहले किसी अनुभवी इंसान से सलाह जरूर ले लेना चाहिए और उस कार्य को सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

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