संजय वर्मा "दृष्टि"
आखा गांव होण में अइग्यो मुबाइल फोन
लोग होण सबकी खबर लेवा मंड्या केवे -
हलो कोण?
वई आणी से घणी जोर से गगाणी -
अई आणी से नानियो बोल्यों -
हऊ लाई रियो नवी मोटर गाड़ी
नानिया की लाडी ने
ख़ुशी का मारे घणा लाडू बनाया
पोरिया-पोरी होण के
खावा सारू लाडू पेला चखाया
लाडी ने रस्तो देखियो
लावेगा म्हारी नवी मोटर गाड़ी
पाँव-पाँव घणी चाली
अब बठी के जउंगी
खेत ने बाड़ी
माथा पे पसीनो ने
हांफता दम से जदि मांग्यो पाणी
तमारो खिचो तो नी कटीग्यों ?
मके तो याज दिखी री परेशानी
लाडी बोली-कई आड़ी मेली आया
म्हारी मोटर गाडी
नान्यो बोल्यो -जराक
दम तो रख
बतऊँ थके मोटर गाडी
पोटला में से जदि निकाली
नवी झक लाल मोटर गाडी
पोरिया-पोरी होण
नाचने मंडिया
अरु रीसाणी लाडी
नान्या ने कियो -
पेला बात के समझनो अगाडी
जतरी चादर हो