नागपंचमी पर खुलेंगे नागचन्द्रेश्वर के पट
11 अगस्त नागपंचमी पर्व पर विशेष
nagchandreshwar Ujjain
विश्व और भारत में किसी सम्प्रदाय या धर्म का शायद ही ऐसा कोई मंदिर धर्म या तीर्थस्थल होगा जो वर्ष में केवल एक दिन या 24 घंटे के लिए एक बार खुलता हो। लेकिन भारत की सबसे प्राचीन एवं धार्मिक नगरियों में से एक उज्जैन के नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट (दरवाजे) वर्ष में केवल 24 घंटे के लिए ही दर्शनार्थियों के लिए खुलते हैं।
विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर के तीसरे खंड पर स्थित भगवान नागचन्द्रेश्वर के इस मंदिर 11वीं शताब्दी की परमारकालीन विलक्षण प्रतिमा है और जिसमें नाग के आसन पर शिव-पार्वती की सुन्दर प्रतिमा है तथा छत्र के रूप में नाग का फन फैला हुआ है। यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई तथा नागचन्द्रेश्वर की प्रतिमा के साथ श्री लक्ष्मी माता एवं शंकर-पार्वती-नंदी विराजित प्रतिमा भी है।
प्रतिवर्ष वर्ष में केवल एक दिन के लिए भारतीय पंचांग तिथि अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मंदिर के पट खुलने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है। इस वर्ष 11 अगस्त को नागपंचमी है और इसके पूर्व दस अगस्त की मध्यरात्रि पर मंदिर की साफ-सफाई एवं विधिवत पूजा-अर्चना के लिए और आम दर्शनार्थियों के खोला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत के द्वादश ज्योतिर्लिगों में प्रमुख प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर का दक्षिण मुखी यह मंदिर मध्यप्रदेश की प्राचीन एवं धार्मिक नगरी उज्जैन में विशाल परिसर में स्थित है। यह तीन खंडों में विभक्त है।