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इतिहासकार बिपिन चंद्र का निधन

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नई दिल्ली , शनिवार, 30 अगस्त 2014 (12:05 IST)
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नई दिल्ली। प्रख्यात इतिहासकार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बिपिन चंद्र का शनिवार तड़के यहां निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे और काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी का निधन चार साल पहले हो गया था। उनका एक बेटा है, जो विदेश में रहता है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में 1928 में जन्मे प्रो. चंद्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में अध्यक्ष रह चुके थे और उनकी गिनती देश के चोटी के इतिहासकारों में होती थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत होने के बाद वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष भी बनाए गए थे और 2012 तक इस पद पर रहे। वे इन दिनों शहीदे आजम भगतसिंह पर जीवनी लिख रहे थे।

प्रो. चंद्र ने लाहौर और दिल्ली में भी पढ़ाई पूरी की थी। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दू कॉलेज में इतिहास के शिक्षक रह चुके थे। वे 1985 में भारतीय इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाए गए थे। इसके अलावा वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सदस्य भी थे। उन्होंने इतिहास पर करीब 20 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें 'आधुनिक भारत का इतिहास, आधुनिक भारत और आर्थिक राष्ट्रवाद, सांप्रदायिकता, भारतीय वामपंथ' पर उनकी किताबें चर्चित थीं। उन्होंने जयप्रकाश नारायण और आपातकाल पर भी किताबें लिखी थीं। (वार्ता)

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