Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कभी बंगाल में विचरते थे अफ्रीकी शेर

हमें फॉलो करें कभी बंगाल में विचरते थे अफ्रीकी शेर
कोलकाता , मंगलवार, 22 जुलाई 2014 (18:11 IST)
कोलकाता। अब विलुप्त हो चुकीं या सिर्फ अफ्रीका में ही मौजूद पशुओं की कई प्रजातियां कभी 40000 या 50000 साल पहले पुरूलिया, बांकुरा और पश्चिमी मिदनापुर जिलो के जंगलों में विचरण किया करती थीं।

भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई) द्वारा हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पशुओं की इन प्रजातियों में शिवालिक एंटीलोप, शिवालिक नीलगाय, शिवालिक कैटल, पोकरुपाइन, शिवालिक एक्विड, अफ्रीकी शेर, शिवालिक हाथी, जिराफ, लकड़बग्घा शामिल हैं।

इनमें से शिवालिक एंटीलोप, शिवालिक नीलगाय, शिवालिक कैटल, पोकरुपाइन, शिवालिक एक्विड और शिवालिक हाथी कई हजार साल पूर्व धरती से विलुप्त हो चुके हैं। हालांकि अफ्रीकी शेर, जिराफ, लकड़बग्घे की विशेष प्रजाति अब केवल अफ्रीका में ही पाई जाती है।

जेडएसआई के वरिष्ठ जीवाश्म विज्ञानी टीके पाल और उनके दल को बांकुरा की सुसुनिया पहाड़ियों की गुफाओं में इन पशुओं के कई साल पुराने अवशेष मिले हैं। पाल ने कहा, सुसुनिया और जंगलमहल के आसपास के इलाकों से हमें 80 के दशक के शुरू में विशेष तौर पर 1980-81 में इन पशुओं के अवशेष मिले थे।

उन्होंने बताया कि इन अवशेषों को जेडएसआई की प्रयोगशाला में संरक्षित रखा गया है और निर्णय किया गया है कि बंगाल के प्राणी पुरातात्विक अवशेष पर पूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित करने से पूर्व इनकी उम्र का पता लगाने के लिए परीक्षण किया जाएगा।

पाल ने बताया, प्रयोगशाला के परीक्षण से ही यह खुलासा हुआ कि पशुओं के अवशेष 50000 साल पुराने हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi