Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह और घंटा सुरक्षित

हमें फॉलो करें केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह और घंटा सुरक्षित
उत्तरकाशी , सोमवार, 24 जून 2013 (12:20 IST)
PTI
उत्तरकाशी। उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा ने कभी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहे केदारनाथ मंदिर के आस-पास भारी तबाही मचाई है और मंदिर तकरीबन 10 फुट मलबे में डूब गया है। कभी यहां चहल-पहल रहा करती थी लेकिन सोमवार को यह सुनसान पड़ा है। हालांकि इस तबाही के बावजूद मंदिर का गर्भगृह और घंटा सुरक्षित है।

मंदिर के बाहर बड़ी-बड़ी चट्टान इधर-उधर पड़ी हुई हैं। इसका ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह कीचड़ में डूबा हुआ है। वहां कभी तीर्थयात्री बैठकर भजन गाते थे और भगवान शिव को समर्पित 8वीं सदी के इस मंदिर में आरती किया करते थे। सोमवार को मंदिर के आस-पास जहां-तहां शव पड़े हुए हैं।

अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मंदिर का घंटा, शिवलिंग और अन्य प्रतिमाएं सुरक्षित हैं लेकिन वे कई फुट उंचे कीचड़ और गाद में डूबे हुए हैं। कभी श्रद्धालु यहां ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए आया करते थे लेकिन अब हर जगह कीचड़ और गाद से भरी हुई है और आस-पास की इमारतें और ढांचा मलबे में डूबे हुए हैं।

बाढ़ ने भवनों को क्षतिग्रस्त किया है और उन्हें मलबे में तब्दील कर दिया है। अनेक लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।

केदारनाथ शहर को सबसे अधिक क्षति पहुंचने पर गौर करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि यह बेहद दुखद है कि इस आपदा में इतने लोगों की मौत हुई है। उत्तराखंड के पुनर्निर्माण में लंबा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा कम से कम 2 साल तक नहीं हो सकेगी।

गौरतलब है कि केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है। बहुगुणा ने शुक्रवार को कहा था कि बाढ़ पीड़ितों को निकालने के लिए बचाव दल को 15 दिन और लगेंगे क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों की ओर जाने वाली सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi