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कौन है नरेन्द्र मोदी का धर्मपुत्र..!

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नई दिल्ली , बुधवार, 13 अगस्त 2014 (00:28 IST)
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले खुलासा हुआ था कि जसोदा बेन नरेन्द्र मोदी की पत्नी हैं बाद में मोदी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र किया था। ...मगर अब प्रधानमंत्री मोदी का धर्मपुत्र भी सामने आया है, जिसे मोदी ने पाला है, पढ़ाया है।

प्रधानमंत्री के इस धर्मपुत्र का नाम है जीत बहादुर। मोदी ने जीत को न सिर्फ पाला पोसा है बल्कि पढ़ाई-लिखाई भी कराई है। बेहद गरीब परिवार का यह नेपाली लड़का जीत बहादुर पिछले 12 वर्षों से मोदी के साथ है और अभी अहमदाबाद में बीबीए की पढ़ाई कर रहा है। 10 साल की उम्र में जीत बहादुर भारत में आकर खो गया था। मोदी ने न सिर्फ उसे पाला और पढ़ाया बल्कि उसको उसके परिवार से मिलाने में भी अहम भूमिका निभाई। इसलिए जीत बहादुर की मां भी उसे मोदी का धर्मपुत्र मानती है।

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जीत की मां खगिसरा साहू का कहना है कि उसने जीत को केवल जन्म दिया है, जबकि मोदी ने उसके लिए बहुत कुछ किया है। जीत बहादुर का परिवार नेपाल के नवलपरासी जिले के कवासती लोकाहा गांव का रहनेवाला है। उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी जल्द ही नेपाल की यात्रा पर जाने वाले हैं और इस यात्रा को लेकर पूरा नेपाल उत्साहित है।

...और इस तरह नरेन्द्र मोदी के पास पहुंच गया जीत... पढ़ें अगले पेज पर...


जीत बहादुर 1998 में वो अपने भाई दशरथ के साथ दिल्ली काम की तलाश में गया था। कुछ दिन दिल्ली में काम करने के बाद वो राजस्थान चला गया। वहां उसका मन नहीं लगा तो वो भागकर नेपाल जाना चाहता था, लेकिन वह गोरखपुर की ट्रेन में बैठने की बजाय अहमदाबाद की ट्रेन में बैठ गया। एक महिला ने उसे नरेंद्र मोदी तक पहुंचाया। तब से वह मोदी के साथ है।

जीत बहादुर के अपने परिवार से मिलने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। जीत के परिवार वालों को ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वे अपने बेटे से फिर कभी मिल पाएंगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। नेपाल के जाने-माने व्यवसायी विनोद चौधरी फिक्की के निमंत्रण पर 2011 में अहमदाबाद गए थे। उस कार्यक्रम में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी।

इस तरह मिला जीत बहादुर का परिवार... पढ़ें अगले पेज पर...



मोदी से मुलाकत के दौरान चौधरी ने उन्‍हें नेपाल आने का न्योता दिया, तब मोदी ने शर्त रखी कि अगर उनके यहां रह रहे नेपाली लड़के के परिवार का पता लगा दें तो वो जरूर नेपाल आएंगे। इस पर विनोद चौधरी ने अपने सहयोगियों की मदद से 30 घंटे के भीतर न सिर्फ जीत बहादुर के परिवार का पता लगाया बल्कि उसकी बातचीत भी घरवालों से कराई।

जीत बहादुर 12 साल बाद जुलाई 2011 में अपने घर पहुंचा था। गरीब जीत बहादुर का परिवार अब चर्चित हो गया है। खासकर नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा को लेकर लोगों मे उत्साह और उम्मीद दोनों है। (आज तक से)

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