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जयललिता के प्रेम पत्रों पर श्रीलंका सरकार ने माफी मांगी

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नई दिल्ली , बुधवार, 13 अगस्त 2014 (07:28 IST)
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नई दिल्ली। श्रीलंका ने अपनी सरकारी बेवसाइट पर प्रकाशित विवादास्पद लेख को लेकर तमिलनाडु की सीएम जयललिता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगी है। साथ ही जयललिता की तस्वीर और उन पर लिखे लेख को वेबसाइट से हटा लिया है।

श्रीलंका ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि आर्टिकल को बिना सरकारी अनुमति के प्रकाशित किया गया था और यह श्रीलंका सरकार या रक्षा और शहरी विकास मंत्रालय की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा था। लिहाजा इसे हटा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के रक्षा और शहरी विकास मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जयललिता को लेकर एक 'विवादित' लेख लिखा गया था। दक्षिण भारत के कई दल इसका विरोध कर रहे थे।

अगले पन्ने पर, तमिल सरकार कर रही है विरोध...


लेख का तमिल पार्टियां विरोध कर रही थीं और पार्टियों ने सरकार से मांग की थी कि वे श्रीलंका से राजनयिक संबंधों को समाप्त करे। लेख प्रकाशित होने के कुछ घंटे बाद अन्नाद्रमुक और तमिलनाडु के विभिन्न राजनीतिक दलों ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध शुरू कर दिया।

इसके अलावा राजग के सहयोगियों ने मांग की कि भारत कोलंबो के साथ संबंध पूरी तरह तोड़ दे। जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की थी कि वे श्रीलंका सरकार से बिना किसी शर्त के माफी मांगने को कहे। जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के राज्यसभा में नेता वी मैत्रयन ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया था और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।

अगले पन्ने पर, क्या था लेख में..


इस लेख को शेनाली वाडुगे ने लिखा है। वेबसाइट पर छपे लेख का शीर्षक था लेख का शीषर्क था, ‘‘हाउ मीनिंगफुल आर जयललिताज लव लेटर्स टू नरेन्द्र मोदी ? हिन्दी में अर्थ- नरेंद्र मोदी को लिखे जयललिता के प्रेम पत्र कितने सार्थक हैं? राज्य भाजपा की इकाई ने कहा कि सरकारी वेबसाइट पर इस तरह के अपमानजनक लेख का छपना स्वीकार्य नहीं है। इस ऑनलाइन लेख में एक कार्टून भी शामिल था।

इसमें जयललिता को मोदी के बारे में सोचते हुए दिखाया गया। इसमें श्रीलंका के भारतीय मछुआरों के नावों को जब्त किए जाने पर जयललिता की प्रतिक्रिया के बारे में लिखा गया था। साथ ही तमिल मछुआरों के मुद्दों पर जयललिता द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्रों का जिक्र किया गया था। (भाषा/एजेंसियां)

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