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ध्यानचंद और कांशीराम को भारतरत्न देने की मांग

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नई दिल्ली , शनिवार, 23 अगस्त 2014 (20:36 IST)
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नई दिल्ली। भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारतरत्न’ नेताजी सुभाषचंद्र बोस और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिए जाने के कयासों के बीच ध्यानचंद, कांशीराम और भगतसिंह को भी इससे नवाजने की मांग सोमवार को तेज हो गई।

कांग्रेस ने कहा कि अगर सरकार इतिहास के मार्ग से जा रही है तो भारतरत्न के लिए और भी बड़ी हस्तियां हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भारतरत्न के लिए भगत सिंह, राजगुरु और लाला लाजपत राय समेत अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों के नामों पर विचार करने की मांग की।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि अगर सरकार भारतरत्न के लिए ऐतिहासिक रास्ते पर जा रही है तो उसे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, लाला लाजपत राय के नामों पर भी विचार करना चाहिए।

तिवारी ने अपने ट्वीट में आईएनए के संस्थापकों रास बिहारी बोस, जनरल मोहन सिंह, एनी बेसेंट और एओ ह्यूम तथा गोपालकृष्ण गोखले का नाम भी सुझाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 1990 के दशक की शुरुआत में सर्वोच्च असैनिक पुरस्कार दिए जाने को लेकर मुकदमेबाजी की भी याद दिलाई।

दूसरी ओर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अटल बिहारी वाजपेयी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारतरत्न के लिए नामित किए जाने की अटकलों के बीच सोमवार को कहा कि बसपा संस्थापक कांशीराम और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान को भी देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना चाहिए।

राशिद अल्वी ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस को पुरस्कार दिया जाना चाहिए और अंडमान निकोबार द्वीप समूह का नाम नेताजी के नाम पर रखा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने द्वीप समूह को मुख्य धरती को आजादी मिलने से काफी पहले स्वतंत्रता दिलाई थी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा समेत 4 राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के बाद पुरस्कारों की घोषणा की जानी चाहिए ताकि किसी भी राजनीति से बचा जा सके। अल्वी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख रहे हैं।

भाजपा नीत सरकार की अगुवाई कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर फैसला करेंगे और संभवत: स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में इसकी घोषणा करेंगे। (भाषा)

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