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नरेंद्र मोदी के मौन पर पृथ्‍वीराज चव्‍हाण का कटाक्ष

हमें फॉलो करें नरेंद्र मोदी के मौन पर पृथ्‍वीराज चव्‍हाण का कटाक्ष
मुम्बई , मंगलवार, 29 जुलाई 2014 (17:27 IST)
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मुम्बई। नरेंद्र मोदी पर सत्ता संभालने के बाद से 'मौन' धारण कर लेने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को कहा कि उनकी शासन शैली निरंकुश है जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि लोगों का पहले ही मोदी सरकार सरकार से मोह भंग हो गया है और उत्तराखंड उप चुनाव में कांग्रेस की जीत इस बात का संकेत है कि लोगों ने अपनी गलती का अहसास कर लिया है।

चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस को मालूम था कि गुजरात चलाने की मोदी की शैली हमेशा से निरंकुश थी और चुनाव के दौरान भी पार्टी ने कहा था, हमें डर है कि दिल्ली में निरंकुश सरकार होगी और अब यह दिख रहा है।

उन्होंने कहा, चाहे मंत्रियों से बर्ताव की बात हो, या फिर आंतरिक कोर टीम में कौन-कौन हैं, मंत्रियों को कैसी स्वायत्तता मिली है (सब में निरंकुशता झलकती है)। उन्होंने अहम मुद्दों लोगों को विश्वास में नहीं लेने या अपनी राय नहीं रखने को लेकर प्रधानमंत्री को मौनेंद्र मोदी करार दिया।

चव्हाण ने कहा, मोदी ने चुनाव के दौरान भी कोई रुख नहीं अपनाया। उन्होंने विदेशी नीति, अर्थव्यवस्था, सामाजिक विषयों या अपने पसंदीदा विषय आरएसएस, समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 370 और राम मंदिर पर भी अपना दृष्टिकोण नहीं रखा। वे बस आए और मोदी सरकार के सपने बेच गए।

उन्होंने कहा कि कई मुद्दों को लेकर संप्रग सरकार के खिलाफ गुस्सा था और मोदी ने अपने आप को बेचने के लिए उसका इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, और उन्होंने उत्पाद, टूथपेस्ट या साबुन की तरह अपने आप को बेचा। बेहतरीन मार्केटिंग तरकीब, सघन विज्ञापन और सारे उपाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने न केवल संप्रग शासन बल्कि कांग्रेस शासन के साथ तुलना करना शुरू कर दिया है जहां मंत्रियों के कुछ निश्चित सम्मान और जिम्मेदारी थी जो अब गायब जान पड़ती है।

उन्होंने कहा, कृपापात्रों का भी सवाल है जो दिल्ली में यह शो चला रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा नहीं है। इस बात पर बल देते हुए कहा कि मोदी के सत्ता संभालने के बाद चुप्पी से उन्हें हैरानी नहीं है।

उन्होंने कहा, जब वे प्रचार कर रहे थे तब उन्होंने हमेशा ही ऊंची आवाज में बात की, हमारे नेतृत्व की नकारात्मक ढंग से आलोचना की, लेकिन उनका घोषणा पत्र बिलकुल ही मामूली है, बमुश्किल ही ऐसा कोई उल्लेख था कि ठोस रूप में वे क्या करेंगे और यह बात अब सामने आ गई। (भाषा)

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