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नर्सें लौटीं घर, परिवारों में खुशी का माहौल

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नई दिल्ली, कोच्चि , शनिवार, 5 जुलाई 2014 (18:44 IST)
कोच्चि। इराकी चरपमंथी संगठन आईएसआईएस द्वारा बंदी बनाई गई 46 भारतीय नर्सें शनिवार को एयर इंडिया के एक विशेष विमान से घर लौट आईं। देश लौटने पर नर्सें और इनके परिवार आपस में मिलकर बेहद खुश हुए। इस तरह एक माह के कटु अनुभव का अंत हो गया है।
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हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक विशेष विमान अपने साथ 137 अन्य लोगों को भी लाया है। यह विमान कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर उतरा।

बंधक बनाई गई नर्सों को मुक्त कराने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर समन्वित प्रयास करने वाले केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी हवाई अड्डे पर इन लोगों को लेने पहुंचे। इन नर्सों में केरल की नर्सों के अलावा दो नर्सें तमिलनाडु के तूतीकोरिन की भी हैं।

हवाई अड्डे पर नर्सों के परिवारों के सदस्य अपने प्रियजनों को लौटते देखने के लिए बड़ी संख्या में मौजूद थे। इसके अलावा भाजपा और कांग्रेस के नेता भी वहां मौजूद थे। नर्सों के परिजनों के चेहरों पर राहत साफ देखी जा सकती थी। सद्दाम हुसैन के गृहनगर तिकरित स्थित अस्पताल में काम करने वाली नर्सों की परेशानियां उस समय से शुरू हो गई थीं, जब आईएसआईएस के आतंकियों ने 9 जून को हमले शुरू कर दिए थे।

नर्सों की सुरक्षित रिहाई के लिए भारतीय अधिकारी इराक में अपने समकक्षों के लगातार संपर्क में बने रहे। इन नर्सों को गुरुवार को उनकी इच्छा के विपरीत वहां से आतंकियों के कब्जे वाले मोसुल शहर ले जाया गया।

विदेश मंत्रालय द्वारा किए गए प्रयासों की मदद से बंधक बनाकर रखी गई नर्सें मुक्त हो गईं और उन्हें कल बसों में बैठाकर एबरिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे भेज दिया गया। शनिवार तड़के एबरिल से चला विशेष विमान आज मुंबई पहुंच गया। मुंबई में विमान में ईंधन भरने और खानपान संबंधी वस्तुएं जुटाने के लिए थोड़े समय के लिए रुका।

नर्सों के अलावा इस विमान में 137 अन्य भारतीय नागरिक भी थे। इनमें उत्तरी इराक के किरकुक से 70, चालक दल के 23 सदस्य और तीन सरकारी अधिकारी भी शामिल थे। सरकारी अधिकारियों में एक संयुक्त सचिव स्तर के विदेश सेवा अधिकारी और एक केरल की आईएएस महिला अधिकारी भी थी। चांडी ने युद्धस्त इराक से नर्सों की वापसी सुनिश्चित कराने के लिए केंद्र, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, इराक में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय का धन्यवाद किया।

चांडी ने संवाददाताओं को बताया कि केंद्र ने केरल की गहरी चिंताओं को पूरी तरह समझते हुए काम किया है। नर्सों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने गंभीर प्रयास किए हैं। केरल सरकार ने नर्सों को राज्य में उनके घरों तक पहुंचाने के लिए इंतजाम किए हैं।

इराक से लौटी 46 नर्सों में से 45 केरल के विभिन्न जिलों की और 1 तमिलनाडु की तुतीकोरिन की हैं। सभी ने कहा कि उग्रवादियों ने उनके साथ अच्छा बर्ताव किया।

कोट्टायम की मरीना ने जब अपनी 2 साल की बेटी रेया और बेटे मेरिन को गले से लगाया तो उसकी आंखों में आंसू थे। वह उनसे 11 महीने के बाद मिल रही थी। मरीना ने कहा कि आईएसआईएस ने उनका अच्छा ख्याल रखा और उनसे उसे कोई शिकायत नहीं है।

चांडी शुक्रवार देर रात यहां पहुंचे थे। उन्होंने हवाई अड्डे पर नर्सों का स्वागत किया। हवाई अड्डे के कर्मियों ने सुनिश्चित किया कि तमाम औपचारिकताएं तेजी से पूरी हो जाएं। मीडियाकर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें इंटरनेशनल अराइवल लाउंज में कहीं अंदर रहने की इजाजत नहीं दी गई।

हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि चांडी के अलावा स्वास्थ्य मंत्री वीएस शिवाकुमार, लोक निर्माण मंत्री इब्राहीम कुंजू, चलाकुडी के सांसद एवं मलयालम अभिनेता जोस के. मणि हवाई अड्डे पर मौजूद थे। जैसे ही नर्सों ने चांडी को देखा उन्होंने मुख्यमंत्री को 'थैंक्यू' कहा।

नन रेजीडेंट केरलाइट्स एसोसिएशन (नोरका) के पदाधिकारियों ने नर्सों की मदद के लिए दो काउंटर लगाए थे। प्रत्येक नर्स को 5,000 रुपए और घर पहुंचने के लिए मुफ्त टैक्सी की पेशकश की गई। (भाषा)

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