नई दिल्ली। वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भारतीय भाषाओं की अनदेखी पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह काफी अपमानजनक होता है जब विदेशी दौरों पर विभिन्न देशों के लोग अपनी भाषाओं में बात करते हैं और भारतीय अंग्रेजी भाषाओं में संवाद करते हैं।
कुसुमांजलि साहित्य सम्मान 2014 के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि मेरा जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था। विदेशी दौरों पर यह काफी अपमानजनक होता है, विभिन्न देशों के लोग अपनी भाषाओं में बात करते हैं लेकिन भारत से जाने वाले अधिकतर लोग, यहां तक की आपस में भी अंग्रेजी में बात करते हैं। जब वे अंग्रेजी में बात करते हैं, वे अच्छे नहीं लगते हैं।
आडवाणी ने कहा कि कुछ चीजें हैं जो काफी दुखद है। उनमें से एक है अपनी भाषाओं में नहीं बोलना और दूसरी भाषाओं में बात करना। (भाषा)