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मैंने हिन्दी कहा, हिन्दू नहीं: नजमा हेपतुल्लाह

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 29 अगस्त 2014 (18:20 IST)
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नई दिल्ली। मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री नजमा हेपतुल्लाह के स बयान पर बवाल मच गया जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि हिन्दुस्तान में रहने वाले लोगों को हिन्दू कहा जाए तो इसमें दिक्कत क्या है। हालांकि नजमा अब अपने बयान से पलट गई है।

एक अखबार को दिए इंटरव्यू में नजमा ने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों के लिए हिन्दू शब्द एक राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है और किसी को इतिहास नहीं भूलना चाहिए। नजमा ने ये तर्क दिया कि अरब देशों में भी भारत को अल हिंद कहा जाता है। नजमा ने यह बयान आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत के 17 अगस्त को दिए उस बयान की पृष्टिभूमि में दिया था जिसमें कहा गया था कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है और यहां रहने वाले सभी लोग हिन्दू हैं। भागवत ने कहा था कि राष्ट्र की पहचान हिंदुत्व से है। हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों हिन्दू है।

नजमा हेपतुल्ला ने नजमा ने अपनी टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने सभी भारतीयों को हिंदी कहा था जो कि भारत में रहने वाले लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला अरबी शब्द है। और जो उन्होंने कहा था वह धर्म के संबंध में नहीं था बल्कि राष्ट्रीयता के रूप में एक पहचान के संबंध में था। नजमा ने कहा कि उन्होंने उनको हिंदू नहीं कहा था।

सभी भारतीयों के लिए पहचान की समरूपता होने की जरूरत का संकेत देते हुए नजमा ने कहा कि वह नहीं समझती कि कोई ऐसा देश है जहां तीन विभिन्न भाषाओं में तीन नाम हों। उन्होंने कहा, अरबी में भारतीय हिंदी और हिंदुस्तानी कहे जाते हैं तथा फारसी और अंग्रेजी में इंडियन कहे जाते हैं।

नजमा की दलील है कि अरब देशों में भी भारत को अल हिंद कहा जाता है। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने उनसे इंटरव्यू किया, उसने हिन्दी को हिन्दू समझ लिया होगा।

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'नजमाजी अगर भारत का संविधान पढ़ लें तो बेहतर रहेगा। भारतीय संविधान के हिसाब से हर नागरिक भारतीय है, हिंदू नहीं।'

राकांपा नेता तारीक अनवर ने नजमा की आलोचना करते हुए उनकी टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

नजमा पर कटाक्ष करते हुए तारिक अनवर ने कहा कि यदि उन्होंने ऐसा बयान दिया है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि उन्होंने अपना मंत्री पद सुरक्षित रखने के लिए यह बयान दिया है। वह कहती हैं कि वह मौलाना आजाद के परिवार से हैं। ऐसा लगता है कि सत्ता में बने रहने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती हैं।

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनके स्पष्टीकरण के बाद यह अध्याय समाप्त हो जाना चाहिए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि नजमाजी की बात का मतलब भारत की सांस्कृतिक एकता से था और इन मामलों को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। विविधता में एकता देश के मूल्यों में हैं और हम सभी को इसमें विश्वास करना चाहिए।

गौरतलब है कि 11 अगस्त को सरसंघचालक मोहन बागवत ने कहा था कि जब जर्मन के लोगों को जर्मनी, रूस के लगों को रशियन कहा जाता है तो ‍हिन्दूस्तान के सभी लोगों को हिन्दू कहा जाना चाहिए। (एजेंसी)

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