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मोदी से साथ अपने खर्च पर जापान जाएंगे उद्योगपति...

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 29 अगस्त 2014 (23:48 IST)
नई दिल्ली। भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अगस्त से चार दिन के लिए जापान के दौरे पर जा रहे हैं। भारत और जापान के बीच दोस्ती का रिश्ता सैकड़ों साल पुराना है, मोदी का भी जापान से रिश्ता कम पुराना नहीं है। इससे पहले वह दो बार गुजरात के सीएम रहते जापान यात्रा कर चुके हैं।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी के अलावा 15 अन्य प्रमुख उद्योगपति शामिल हैं। यह सभी उद्योगपति स्वयं के खर्चे पर जापान जा रहे हैं।

एशिया उपमहाद्वीप के बाहर प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली बड़ी द्विपक्षीय यात्रा है। इस दौरान उद्योगपति एक सितंबर को इंडिया-जापान बिजनेस लीडर्स फोरम के बैनर तले होने वाली द्विपक्षीय बैठक में भी शिरकत करेंगे।

भारत फोर्ज के चेयरमैन बाबा कल्याणी इसकी सह-अध्यक्षता करेंगे। सूत्रों ने बताया कि मोदी के यात्रा के दौरान हो रही फोरम की बैठक को अहम माना जा रहा है।

इस प्रतिनिधिमंडल में सुनील भारती मित्तल, अजीम प्रेमजी, शशि रुइया, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव, किरण मजूमदार शॉ, चंदा कोचर के अलावा ओएनजीसी के सीएमडी दिनेश के सर्राफ और ऑयल इंडिया के सीएमडी सुनील के श्रीवास्तव भी शामिल हैं।

अगले पन्ने पर... मोदी का जापान प्रेम...


मोदी के जापान प्रेम के पीछे उगते सूरज के देश की शानदार तरक्की है। गुजरात के मुख्‍यमंत्री के रुप में मोदी ने दो बार जापान का दौरा किया था और वह अपने राज्य को जापान की तरह तरक्की करते हुए देखना चाहते थे। इसी यात्रा के दौरान मोदी के दिल में भारत में बुलेट ट्रेन का सपना देखा था।

2007 और 2012 में जापानियों की मेहमाननवाजी ने मोदी का दिल जीत लिया था। उस समय मोदी ने बुलेट ट्रेन सिस्टम को समझने की इच्छा जताई थी और जापानियों ने उन्हें खुशी-खुशी बुलेट ट्रेन की सैर कराई थी।

मोदी की चार दिवसीय यात्रा के दौरान रक्षा, असैन्य परमाणु, ढ़ांचागत विकास और ‘रेयर अर्थ मिनरल्स’ के अलावा व्यापारिक संबंधों को बढ़ाना आदि मुख्य प्राथमिकताएं होंग। इस यात्रा पर मोदी जापान की ‘स्मार्ट सिटी’ क्योटो और राजधानी टोक्यो की भी यात्रा करेंगे।

मोदी जापान दौरे से पहले ही जापानी में ट्वीट कर पहले ही जापानियों का दिल जीत चुके हैं और अपनी इस यात्रा से वह अपने सपनों को नई उड़ान भी देंगे।

क्योटो से निकलेगा काशी की तरक्की का रास्ता... अगले पन्ने पर...


मोदी के जापान दौरे का एक अहम पड़ाव होगा क्योटो। काशी की तरह ही मंदिरों के शहर के रूप में पहचाने जाने वाले इस शहर से ही मोदी अपने संसदीय क्षेत्र की तरक्की का रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे।

क्योटो को जापान की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। यह कई सालों तक जापान की राजधानी भी रहा है। यहां का सबसे बड़ा मंदिर तोजी मंदिर है। इस मंदिर को 796 में जापान की हिफाजत के लिए बनाया गया था। यह शहर का सबसे बड़ा मंदिर है।

जापानी प्रधानमंत्री मोदी के लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेगे और क्योटो में दोनों नेताओं का एक संयुक्त कार्यक्रम भी होगा।

क्योटो के गवर्नर और मेयर से मिलने के अलावा मोदी ‘तोजी मंदिर’ भी जाएंगे। आशा है कि शहर के मेयर सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और पर्यावरण हितैषी आधुनिक शहर का रख-रखाव किस तरह से होता है इस संबंध में एक प्रेजेंटेशन भी देंगे। स्टेम सेल अनुसंधान को देखने के लिए प्रधानमंत्री काबे विश्वविद्यालय भी जाएंगे।

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