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आमिर खान के बचाव में आगे आए आजम खान

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लखनऊ , बुधवार, 25 नवंबर 2015 (09:23 IST)
लखनऊ। असहिष्णुता के मसले पर बयान देकर आलोचनाओं से घिरे अभिनेता आमिर खान को उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री मुहम्मद खान ने मंगलवार को पत्र लिखकर उनके विचारों से रजामंदी जताई और इस कलाकार को बेवजह निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया।

 
खान ने आमिर को लिखे खत में कहा कि जब वह और उनकी पत्नी किरण राव जैसे लोग इस सच (असहिष्णुता) को महसूस कर रहे हैं, तो उन कमजोर, लाचार और बेसहारा लोगों के बारे में सोचने की जिम्मेदारी हमारी है जिनके लिए आए दिन अशोभनीय बातें कही जा रही हैं।
 
उन्होंने पत्र में कहा कि आमिर की तल्ख बातों का जवाब देने के लिए लोगों ने अपनी कमान में तीर कस लिए हैं। यह दुआ है कि लोगों की आपत्तियां अभिनेता के इरादों को कमजोर ना करें। आमिर को इन हालात से मायूस होने की जरूरत नहीं है। बोझ समझी जाने वाली भीड़ की तकलीफभरी चीखें जालिम शासकों तक भले ही ना पहुंचें लेकिन जब आमिर जैसे लोग बोलते हैं तो उसकी गूंज बहुत दूर तक सुनाई देती है।
 
आजम ने खत में आमिर की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें यह शेर कहते हुए आगे बढ़ने की सलाह दी, ‘मंजिल पे ना पहुंचे, उसे रस्ता नहीं कहते, दो चार कदम चलने को चलना नहीं कहते।’ इसके पूर्व, खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘आमिर खान मुसलमान हैं और उनकी बीवी हिन्दू हैं। असहिष्णुता के बारे में जो कुछ भी कहा है वह एक हिन्दू महिला ने कहा है। यह ऐसी सचाई है जिससे प्रभावित होकर उन्होंने अपने बच्चों के भविष्य पर खतरा देखते हुए जाहिर किया है। यह बात आमिर खान ने नहीं कही है, लिहाजा उन्हें निशाना ना बनाया जाए।’
 
खान ने कहा, ‘जब 125 करोड़ के हिन्दुस्तान में आमिर खान की पत्नी भी असुरक्षित हैं, वह भी असहनशीलता की शिकार हैं और अपने बच्चों के कल के लिए फिक्रमंद हैं तो सोचिए उन लोगों का क्या, जिनका कोई सहारा हीं नहीं है। जिन्हें गुजरात दंगे, छह दिसम्बर (बाबरी विध्वंस) के बाद के हालात या मुजफ्फरनगर दंगे सहन करने पड़े।’ 
उन्होंने कहा, ‘दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। यह बात मन से नहीं बल्कि तन से कही गई है। यह एक ऐसा चीखता हुआ झूठ है, जिसके बड़े बुरे नतीजे निकल रहे हैं। मुंह में राम और बगल में छुरी। उनकी सारी टीम जो भाषा बोल रही है, जितनी नफरत फैला रही है। सांसद, मंत्री और राज्यपाल तक एक तबके को गद्दार बता रहे हैं।’ 
 
खान ने कहा कि उन्होंने खत में आमिर से कहा है कि वह खुद को शिक्षा के कार्य से भी जोड़ें क्योंकि बहुत से सवाल शायद इसलिए भी पैदा हो रहे हैं, क्योंकि लोग तन और मन से अनपढ़ हैं और उन्हें शिक्षा की जरूरत है।
 
मालूम हो कि आमिर ने सोमवार को कहा था कि उन्हें हाल की कई घटनाओं ने ‘चिंतित’ किया है और उनकी पत्नी किरण राव ने यहां तक सुझाव दे दिया था कि उन्हें संभवत: देश छोड़ देना चाहिए।
 
आमिर ने उन लोगों का समर्थन किया था जो अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं और कहा था कि रचनात्मक लोगों के लिए उनका पुरस्कार लौटाना असंतोष या निराशा व्यक्त करने के तरीकों में से एक है।
 
उन्होंने कहा था, ‘एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है, हम इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं। मैं इससे इनकार नहीं कर सकता।’ (भाषा)

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