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आम आदमी पार्टी को आयकर विभाग का नोटिस

हमें फॉलो करें आम आदमी पार्टी को आयकर विभाग का नोटिस
नई दिल्ली , बुधवार, 11 फ़रवरी 2015 (21:30 IST)
नई दिल्ली। मुखौटा कंपनियों से चेक के जरिए दो करोड़ रुपए का चंदा पाने के मामले में विवादों के घेरे में आई आम आदमी पार्टी (आप) को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया है। विभाग ने कांग्रेस तथा 48 अन्य इकाइयों को भी नोटिस जारी किए हैं। 
 
यह नोटिस दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले नौ फरवरी को जारी किया गया, जिसमें आप ने 70 में से 67 सींटें हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 
 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आज जारी बयान में किसी राजनीतिक दल या इकाई का नाम नहीं लिया गया है। बोर्ड ने कहा कि आप और अन्य को भेजे गए नोटिस में चंदा देने वालों की पहचान बताने को कहा गया है और साथ ही उनसे जांच को पूरा करने के लिए अन्य आवश्यक जानकारियां मांगी गई हैं।
 
आयकर विभाग ने यह कार्रवाई आप से अलग हुए समूह अवाम के इन कथित आरोपों बाद की है कि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी को कुछ मुखौटा कंपनियों से धन मिला था। 
 
समूह ने आरोप लगाया था कि आप को इन कंपनियों से पिछले साल 15 अप्रैल मध्यरात्रि को 50-50 लाख रपये के चार चेक मिले थे। आम आदमी पार्टी (आप) उसके बाद से लगातार कह रही है कि सरकार अपनी प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से उसके चंदे की जांच कराने को स्वतंत्र है।
 
पार्टी की प्रवक्ता अतिशी मारलेना ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी के पटेल नगर कार्यालय को यह नोटिस मिला है। उन्होंने कहा, 'हम आयकर विभाग या प्रवर्तन निदेशालय की किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं। 
 
मारलेना ने कहा, हम चाहते हैं कि इस मुद्दे की जांच हो जिससे आरोप का समाधान हो सके लेकिन हम इस जांच का स्वागत करते हुए यह भी चाहते हैं कि न सिर्फ आप बल्कि सभी राजनीतिक दलों के चंदे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया जाए।’ 
 
सीबीडीटी के बयान में कहा गया है कि मीडिया रिपोर्टों के आधार पर दिल्ली में भी ऐसी इकाइयों द्वारा चेक जारी किए जाने की जांच की गई जो असली नहीं थीं या एंट्री ऑपरेटर थी। इनका मकसद काले धन को सफेद करना था।
 
बैंकों व कारपोरेट मामलों के मंत्रालय को दिए पते के आधार पर इन कंपनियों व निदेशकों की जानकारी नहीं मिल सकी है। सीबीडीटी ने कहा कि इन कंपनियों के खातों की जांच से पता चलता है कि ‘इन इकाइयों ने कई व्यक्तियों और इकाइयों के नाम पर भारी मात्रा में धन खपाने के लिए प्रविष्टियां जारी की थीं।’ 
 
अधिकारियों ने इसी तरह के कुछ मामले कोलकाता में भी पकड़े हैं। कोलकाता में हाल में इस तरह की जांच में एंट्री ऑपरेटर के रूप में काम करने वाली संदिग्ध कंपनियों के उल्लेखनीय मात्रा में बेहिसाबी धन को वैध बनाने का पता चला था। 
 
आयकर विभाग के सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस से संबंधित जांच एक इकाई से मिले 10 लाख रुपये के चंदे के बारे में है। इस मामले में संबंधित इकाई का पता फर्जी लगता है।  अधिकारी ने बताया कि 48 अन्य मामलों में यह देखने में आया है कि पूर्वी व पश्चिमी राज्यों में सत्तारूढ़ कुछ राजनीतिक दलों से जुड़ी इकाइयों को ‘घुमा-फिराकर’ के चंदे भेजे गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि कोलकाता में जांच अभी जारी है। कोलकाता में गत नवंबर में इस तरह की जांच में 60 करोड़ रुपए के कर राजस्व की बात ‘कबूल’ कराई गई। इनमें से कुछ मामले राजनीतिक उद्देश्यों और राजनीतिक दलों को चंदे से संबद्ध थे।
 
सूत्रों के अनुसार ताजा नोटिसों में सभी कंपनियों को अपने खातों, कारोबार के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विवरण और कुछ खास मामलों में चंदे की रसीदें आदि जमा कराने को कहा गया है।
 
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग निर्वाचन आयोग से चंदों के बारे में मिली एक रिपोर्ट का भी विश्लेषण कर रहा है। इसमें विभिन्न पक्षों से विभिन्न दलों को मिले चंदों के घोषित विवरण हैं। उन्होंने कहा, ‘आयोग से मिली रिपोर्ट का विश्लेषण किया जा रहा है। जल्दी ही कुछ अन्य दलों को भी और नोटिस जारी किए जा सकते हैं।’ (भाषा)
 

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